बिहार बंद: गर्भवती महिला की गाड़ी रोकी, राजनीति गरमाई!
News Image

बिहार में एनडीए द्वारा बुलाए गए बिहार बंद के दौरान एक गर्भवती महिला को ले जा रही गाड़ी को रोकने की घटना सामने आई है। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है और इस पर सियासत तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है।

यह बिहार बंद दरभंगा में कांग्रेस की एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में बुलाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि मां के अपमान का बदला बिहार की जनता लेगी। इसी के बाद एनडीए ने बिहार बंद का आह्वान किया।

बंद के दौरान प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सड़कों पर बाइक, जीप और अन्य वाहनों को लगाकर रास्ते बंद किए गए। बीजेपी कार्यकर्ता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के खिलाफ नारेबाज़ी करते नजर आए। प्रशासन ने पहले ही जानकारी दी थी कि अग्निशमन वाहन, एंबुलेंस और अन्य इमरजेंसी सेवाओं को इस बंद से छूट दी जाएगी।

राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती द्वारा ट्वीट किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक बोलेरो गाड़ी जो एक गर्भवती महिला को लेकर अस्पताल जा रही थी, उसे रास्ते में रोक दिया गया। गाड़ी में मौजूद परिजन बार-बार कहते सुने जा सकते हैं कि महिला को प्रसव पीड़ा हो रही है, लेकिन प्रदर्शनकारी जवाब देते हैं आज ही इसको पेट में दर्द होना था? मरीज है तो पहले क्यों नहीं निकले? वीडियो में एक अन्य बीजेपी कार्यकर्ता सफाई देते हुए कहता है कि हम गाड़ी को रोक नहीं रहे, बल्कि दूसरे रास्ते से निकाल रहे हैं।

वीडियो शेयर करते हुए राजद प्रवक्ता प्रियंका भारती ने ट्वीट किया भाजपा के गुंडे कह रहे हैं- आज ही इसको पेट में दर्द होना था। मां गर्भ से है, डिलीवरी होने के लिए अस्पताल जाना है, मगर ये गुंडे बिहार बंद के नाम पर रास्ता बंद कर दिए। मोदी जी एक गर्भवती मां के साथ आपके लोग गुंडई कर रहे हैं।

राजद का आरोप है कि बीजेपी के कार्यकर्ता बिहार बंद के नाम पर कानून को हाथ में ले रहे हैं और आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

वीडियो की लोकेशन अब तक स्पष्ट नहीं है। हालांकि वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है लेकिन यह किस इलाके का है, यह अब तक साफ नहीं हो सका है। प्रशासन की तरफ से भी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

यह मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या राजनीतिक विरोध का तरीका इतना अमानवीय होना चाहिए कि एक गर्भवती महिला की मदद करने के बजाय उसे रास्ते में रोका जाए? लोगों का कहना है कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन इमरजेंसी सेवाओं और मरीजों को रास्ता देना इंसानियत की पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

इंग्लैंड में 27 साल का सूखा खत्म! साउथ अफ्रीका ने रचा इतिहास, ये खिलाड़ी बना हीरो

Story 1

दिखा दिया आईना: द बंगाल फाइल्स देख लोगों के रोंगटे खड़े, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़

Story 1

इजरायल का गाजा पर भीषण हमला: हज़ारों रिजर्व सैनिक तैनात, आने वाले दिनों में ‘सटीक हमले’ की तैयारी

Story 1

भारत पहुंची पहली टेस्ला! मंत्री प्रताप सरनाईक ने पोते को गिफ्ट में दी Model Y

Story 1

बिहार पर केरल कांग्रेस की टिप्पणी से बवाल, भाजपा ने पूछा - क्या बिहारियों की तुलना बीड़ी से?

Story 1

अरे कहना क्या चाहते हो? बाढ़ पर देसी अंग्रेजी का भाषण, लोगों ने पकड़ा सिर

Story 1

अजित पवार और लेडी IPS अंजना कृष्णा में तकरार: सोलापुर में अवैध खनन पर बवाल!

Story 1

IPS अधिकारी को डांटने पर अजित पवार की सफाई: मेरा उद्देश्य हस्तक्षेप करना नहीं था

Story 1

हजरतबल दरगाह में बवाल: कट्टरपंथियों ने तोड़ा अशोक चक्र, LG ने दिए जांच के आदेश

Story 1

यमुना उफान पर: दिल्ली के कई इलाके अब भी डूबे, खतरा बरकरार!