IPL ने बदली किस्मत, चयनकर्ताओं ने किया निराश: अमित मिश्रा का संन्यास और खुलासा
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अनुभवी स्पिनर अमित मिश्रा ने गुरुवार को पेशेवर क्रिकेट से संन्यास ले लिया, उनका 25 साल का सफर समाप्त हो गया. उन्होंने क्रिकेट से विदाई लेते हुए कई महत्वपूर्ण खुलासे किए.

मिश्रा ने बताया कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने उन्हें आर्थिक रूप से बहुत सहारा दिया और यह उनके करियर में वापसी का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने उन्हें फोन किया था और अपनी टीम में शामिल करने की इच्छा व्यक्त की थी. सहवाग ने मिश्रा के कलाई के स्पिन के हुनर को पहचाना था.

अमित मिश्रा ने 2003 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा, जब उन्होंने ढाका में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीवीएस कप में वनडे डेब्यू किया. उन्होंने पांच ओवर का स्पेल फेंका और नील मैकेंजी का विकेट लिया.

मिश्रा ने बताया कि आईपीएल ने उन्हें आर्थिक रूप से बहुत मदद की. साथ ही, मेरी वापसी के लिए एक शानदार मंच दिया. 5 साल बाद, मुझे आईपीएल में चुना गया क्योंकि उस समय टी20 के लिए लेग स्पिनरों पर विचार नहीं किया जाता था. वीरू भाई (वीरेंद्र सहवाग) ने मुझे फोन किया और कहा कि वह मुझे अपनी टीम में चाहते हैं क्योंकि मैंने टी20 में अच्छा प्रदर्शन किया था.

अंतरराष्ट्रीय डेब्यू के बाद, मिश्रा लगभग पांच साल तक टीम से बाहर रहे. हरभजन सिंह और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज स्पिनरों के अपने कौशल के शिखर पर होने के कारण, मिश्रा के लिए टीम में जगह बनाना मुश्किल हो गया था.

टीम से बाहर रहने के दौरान, मिश्रा ने घरेलू लीग में हरियाणा के लिए कड़ी मेहनत की और चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की. उनका लक्ष्य हमेशा अच्छा प्रदर्शन करना था, भले ही दूसरों को उनके कौशल पर संदेह हो.

मिश्रा ने 2008 में सहवाग की कप्तानी वाली दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए आईपीएल में डेब्यू किया. उन्होंने 162 मैचों में 174 विकेट लेकर आईपीएल में अपनी छाप छोड़ी. वह आईपीएल में 23.82 की औसत और 7.37 की इकॉनमी से सातवें सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे.

अमित मिश्रा आईपीएल इतिहास में तीन हैट्रिक लेने वाले एकमात्र गेंदबाज हैं. उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स (2008), किंग्स इलेवन पंजाब (2011) और सनराइजर्स हैदराबाद (2013) के लिए हैट्रिक ली हैं.

मिश्रा ने इस बात पर दुख जताया कि लेग स्पिनरों के महत्व को देर से समझा गया. उन्होंने शेन वार्न और अनिल कुंबले जैसे दिग्गजों का उदाहरण दिया.

उन्होंने कहा, मैंने हैट्रिक ली और पांच विकेट लिए. मैंने भारतीय टीम में वापसी की और टी20 में अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. मुझे बहुत दुख है कि लोगों को बहुत देर से पता चला कि विकेट लेने वाला गेंदबाज हमेशा लेग स्पिनर ही रहा है, शेन वार्न और अनिल भाई (अनिल कुंबले) को ही देख लीजिए.

मिश्रा ने भारतीय टीम के लिए सभी प्रारूपों में 68 मैच खेले और 156 विकेट लिए.

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