रियल एस्टेट सेक्टर लंबे समय से जीएसटी सुधार की मांग कर रहा था। आखिरकार, सरकार ने सुधारों की घोषणा कर दी है, जिससे इस सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है।
पहले, सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री पर 29% तक का टैक्स लगता था। अब, जीएसटी को 18% तक कम कर दिया गया है, जिससे घर बनाना संभव हो गया है।
सीमेंट, स्टील, टाइल्स और सैनिटरी फिटिंग्स जैसी निर्माण सामग्री पर 18 से 28 प्रतिशत तक की टैक्स दरें लागू थीं, लेकिन बिल्डर्स को इसका इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) नहीं मिलता था। इससे प्रोजेक्ट की कुल लागत 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़ गई और फ्लैट्स की कीमतें लाखों रुपये तक महंगी हो गईं।
अब, जीएसटी दरें कम होने से घर खरीदारों का अधूरा सपना पूरा होने की उम्मीद है। विशेषज्ञ बताते हैं कि निर्माण लागत में 2 से 3 प्रतिशत की सीधी कमी आएगी।
रियल एस्टेट सिर्फ एक इंडस्ट्री नहीं है, बल्कि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसमें 200 से ज्यादा सहयोगी इंडस्ट्रीज़ जुड़ी हुई हैं और यह करोड़ों लोगों को रोजगार देता है। सरकार द्वारा जीएसटी दरों में कटौती और आईटीसी बहाल करने पर विचार करना एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता का कहना है कि जीएसटी सुधार का असर केवल एक प्रोजेक्ट या शहर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे सेक्टर में मल्टीप्लायर इफेक्ट डालेगा। सीमेंट और स्टील पर टैक्स कम होने और आईटीसी बहाल होने से प्रोजेक्ट लागत 7 से 8 प्रतिशत तक घटेगा। इससे 2 बीएचके फ्लैट पर 3 से 5 लाख रुपये और बड़े घरों पर 6 से 8 लाख रुपये तक की बचत होगी।
निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग के अनुसार, यदि सरकार जीएसटी दरों में कटौती और आईटीसी बहाल करती है तो घरों की कीमतें लगभग 10 प्रतिशत तक घट सकती हैं और खरीदारों को सीधा लाभ मिलेगा।
एसकेबी ग्रुप के सीएमडी विकास पुंडीर ने कहा कि आगामी जीएसटी सुधार रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा सकारात्मक बदलाव है। निर्माण सामग्रियों पर टैक्स कम होने से निर्माण लागत में 3-5% की कमी आएगी, जिससे विशेष रूप से अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिलेगा।
रेनॉक्स ग्रुप के चेयरमैन शैलेंद्र शर्मा के अनुसार, सीमेंट सहित कई रॉ मटेरियल पर जीएसटी में 10% तक की कमी की गई है, जो काफी उत्साहवर्धक है। इससे घर खरीदारों पर टैक्स का बोझ कम होगा और बिक्री में तेजी आएगी।
डिजिलेंट बिल्डर्स के सीओओ ले.क. अश्विनी नागपाल (रि.) का कहना है कि सीमेंट जैसे सबसे महत्वपूर्ण मटेरियल पर 18% जीएसटी किए जाने का लाभ निश्चित तौर पर रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, दोनों को होगा। अगर सरकार इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस लाती तो रियल एस्टेट सेक्टर और भी बूस्ट मिलता।
होमग्राम के फाउंटर गौरव सोबती कहते हैं कि अल्ट्रा लग्जरी आइटम्स पर प्रस्तावित 40% जीएसटी दर, खासकर गुरुग्राम जैसे बाजारों में, एक बड़ा झटका साबित हो सकती है। उच्च गुणवत्ता वाले इंटीरियर पर पहले से ही 28% जीएसटी लागू है और 12% की यह बढ़ोतरी खरीदारों के लिए कीमतों को काफी बढ़ा सकती है।
Earlier, cement alone had a 29% tax burden during Pre-GST. Building a home felt like a luxury. Now in Next Gen GST, it’s down to 18% and owning a house actually feels possible. #NextGenGSTReforms pic.twitter.com/8Dz4VnZEb7
— Shalini (@Shaliniseth_604) September 4, 2025
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