बिहार बंद, जो प्रधानमंत्री की मां के खिलाफ की गई टिप्पणी के विरोध में शुरू हुआ, अब सड़कों पर टकराव का रूप ले चुका है। आम जनता को भी इस आंदोलन में परेशानी का सामना करना पड़ा। एम्बुलेंस को रास्ता देने से रोका गया और महिलाओं से धक्का-मुक्की की गई।
गुरुवार को जहानाबाद के अरवल मोड़ पर एनडीए कार्यकर्ता सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया। ज़रूरी कामों से निकले लोगों को परेशानी हुई। किसी को दफ्तर जाना था, तो किसी की परीक्षा थी, और कोई बीमार था। प्रदर्शनकारियों ने सभी के साथ बदसलूकी की।
प्रदर्शन के बीच, भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं और एक स्थानीय महिला के बीच तीखी बहस के बाद धक्का-मुक्की हुई। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि महिला प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रही थी और प्रदर्शन को भड़काने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके लिए पिता तुल्य हैं और उनके खिलाफ ऐसी भाषा पूरे देश का अपमान है।
महिला ने आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं किया। उनका आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ता माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं। शिक्षिका ने शांतिपूर्वक समझाने की कोशिश की कि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी जरूरी सेवाओं को बंद से छूट दी गई है, लेकिन कार्यकर्ताओं ने उनकी बात नहीं मानी और हाथापाई की।
एक अन्य वीडियो में, परीक्षा देने जा रही एक छात्रा को भी रास्ते में रोक दिया गया। एक एम्बुलेंस को भी रोका गया, जिसमें एक गर्भवती महिला सवार थी। एक परिवार के साथ मारपीट की गई। ये घटनाएं बंद के शांतिपूर्ण स्वरूप पर सवाल खड़े करती हैं।
मुजफ्फरपुर में स्थिति और बिगड़ गई। यहां भाजपा समर्थकों और RAF जवानों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे-27 को जाम कर दिया, जिससे गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। RAF जवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिसके बाद पुलिस बल ने स्थिति को काबू में किया।
इस घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। राजद और कांग्रेस नेताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बंद को शांतिपूर्ण बताया जा रहा है, तो महिलाओं, छात्राओं और जरूरी सेवाओं को क्यों रोका जा रहा है।
एनडीए ने कहा कि बिहार बंद का मकसद विरोध दर्ज कराना था, और कुछ स्थानीय घटनाएं बंद की छवि को खराब करने की साज़िश हो सकती हैं।
प्रधानमंत्री की मां के खिलाफ की गई टिप्पणी के विरोध में शुरू हुआ यह आंदोलन अब सड़कों पर टकराव का रूप ले चुका है। जहानाबाद से लेकर मुजफ्फरपुर तक कई स्थानों पर हिंसा, हाथापाई और सेवाओं में बाधा की खबरें सामने आई हैं। प्रशासन अब अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है, ताकि स्थिति नियंत्रण में बनी रहे।
*🚨 In Jehanabad, Bihar — a woman teacher opposed the bandh as she was rushing to school.
— Vivek Yadav (@Vivek_28_Yadav) September 4, 2025
👉 BJP women workers responded with pushing & shoving instead of dialogue.#Bihar #Jehanabad #BJP #Bandh#BiharBandh pic.twitter.com/qqzBReq6P2
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