तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने वैश्विक कूटनीति में हलचल मचा दी है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब एशिया का भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है।
दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन विकास साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं । यह संदेश सीमा विवाद के तनावपूर्ण इतिहास को नई दिशा देता है और व्यापार, रणनीतिक साझेदारी और बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की दिशा तय कर सकता है।
मोदी और शी ने स्पष्ट किया कि भारत-चीन के बीच मतभेदों को विवाद का रूप नहीं लेना चाहिए। दोनों नेताओं ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द की अहमियत दोहराई। अक्टूबर 2024 में हुए समझौते के बाद रिश्तों में नरमी आई है, जिसके तहत डेमचोक और देपसांग जैसे विवादित क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी हुई।
बैठक में मोदी और शी जिनपिंग ने वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों देशों ने स्वीकार किया कि विश्व व्यापार को स्थिर रखने में भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाएं निर्णायक भूमिका निभाती हैं। व्यापार घाटा कम करने, निवेश बढ़ाने और नए आर्थिक अवसरों की खोज पर विशेष जोर दिया गया।
यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब भारत-अमेरिका संबंधों में शुल्क विवाद के चलते तनाव देखा जा रहा है। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने और चीन-अमेरिका वार्ताओं में गतिरोध के बीच भारत-चीन साझेदारी पर दुनिया की नजरें टिकी हैं।
मोदी और शी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः बहाल करने और पर्यटक वीज़ा सुविधा में सुधार की दिशा में काम करने पर सहमति जताई। सीधी उड़ानों को बढ़ावा देने का भी प्रस्ताव रखा गया, जिससे दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक रिश्ते मजबूत हो सकें।
मोदी का बयान, रिश्तों को किसी तीसरे देश की नजर से नहीं देखा जाना चाहिए , एक स्पष्ट संदेश है कि भारत और चीन अपने हितों के अनुसार कूटनीतिक नीतियां बनाएंगे। भारत-चीन संबंधों का भविष्य केवल द्विपक्षीय दृष्टिकोण से तय होगा, न कि अमेरिका या अन्य शक्तियों के प्रभाव से।
प्रधानमंत्री मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को अगले वर्ष भारत में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। यह आमंत्रण दर्शाता है कि भारत-चीन रिश्तों में नए युग की शुरुआत हो सकती है। क्या यह मुलाकात सिर्फ औपचारिक कूटनीति है या वाकई एक भू-राजनीतिक क्रांति की नींव रख रही है?
PM @narendramodi met President Xi Jinping on the sidelines of the SCO Summit in Tianjin, China.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) August 31, 2025
The two leaders reviewed the progress of 🇮🇳-🇨🇳 bilateral relations since their meeting in Kazan last year. Stable and amicable ties between India and China are important for our… pic.twitter.com/bP8JRugdjM
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