SCO शिखर सम्मेलन में भारत-चीन संबंधों का पुनर्जन्म ? मोदी ने शी से कहा- 2.8 अरब लोगों का होगा भला
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बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों देशों के बीच सहयोग 2.8 अरब लोगों के कल्याण से जुड़ा है।

मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य में कहा कि दोनों पक्षों द्वारा सीमा से सैनिकों को पीछे हटाए जाने से शांति और स्थिरता का माहौल बना है।

मोदी ने कहा, हमारा सहयोग दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हितों से जुड़ा है। इससे समस्त मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

उन्होंने कहा, हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मोदी-शी वार्ता का मुख्य उद्देश्य उन द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाना है, जिनमें पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद गंभीर तनाव पैदा हो गया था।

मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में शनिवार शाम जापान से यहां पहुंचे। यह मई 2020 में शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद मोदी की चीन की पहली यात्रा है।

मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में शी जिनपिंग के साथ हुई अपनी बैठक के बाद से दोनों पक्षों द्वारा शुरू किए गए कदमों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, पिछले साल कजान में हमारी बहुत ही उपयोगी चर्चा हुई जिसने हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा दी।

मोदी ने कहा, सीमा से सैनिकों की वापसी के बाद अब शांति और स्थिरता का माहौल है। हमारे विशेष प्रतिनिधि सीमा प्रबंधन पर भी एक समझौते पर पहुंच गए हैं।

उन्होंने कहा, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी फिर से शुरू हो रही हैं।

भारत और चीन के बीच सीमा से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों का तंत्र है।

मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की चीन द्वारा सफलतापूर्वक अध्यक्षता किए जाने पर शी को बधाई भी दी।

मोदी ने कहा, मैं SCO की सफल अध्यक्षता के लिए चीन को बधाई देता हूं। हम चीन आने के निमंत्रण और आज की हमारी बैठक के लिए एक बार फिर हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं।

अभी तक इस बारे में जानकारी नहीं मिली है कि मोदी और शी के बीच बैठक में विशिष्ट रूप से क्या बातचीत हुई।

तियानजिन की अपनी यात्रा से पहले मोदी ने कहा था कि विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए भारत और चीन का मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है।

मोदी ने कहा था कि भारत और चीन के बीच स्थिर और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

मोदी की चीन यात्रा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के एक पखवाड़े से भी कम समय बाद हो रही है। दोनों पक्षों ने विवादित सीमा पर संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने, सीमा पर व्यापार को फिर से खोलने और सीधी उड़ान सेवाओं को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।

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