मनाली-कीरतपुर फोरलेन पिछले चार दिनों से बंद है। मंडी से मनाली तक के 110 किलोमीटर लंबे हिस्से में जगह-जगह वाहन फंसे हुए हैं। लगातार तीन दिनों की बारिश ने मनाली में फोरलेन को पूरी तरह से तबाह कर दिया है।
जहां टोल प्लाजा था, वहां अब ब्यास नदी बह रही है। मंडी में आधी रात को पंडोह डैम के पास हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। यहां फोरलेन का लगभग 100 मीटर हिस्सा धंस गया है, जिससे मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब इस हाईवे को बहाल होने में काफी समय लग सकता है।
मंडी से कुल्लू तक जगह-जगह फंसे ट्रक और अन्य वाहनों में सवार लोग सड़क पर बैठकर यातायात बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों, मंदिर और गुरुद्वारा की ओर से इनके लिए खाने की व्यवस्था की जा रही है।
थलौट में 90, नागचला में 450, पंडोह में 600, नौ मील में 400 और बनाला में 250 वाहन मंडी में फंसे हुए हैं। इसके अलावा, कुल्लू जिले में भी सैकड़ों वाहन फंसे हैं।
फोरलेन पर फंसे ट्रक चालकों और अन्य वाहनों के लिए पुलिस प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है। पुलिस ने अनाउंसमेंट की है कि हाईवे को बहाल होने में अभी काफी समय लगेगा। वाया कटौला वाहन बहाल किया जाएगा, लेकिन इसमें केवल छोटे वाहन ही जा पाएंगे। ट्रकों में भरे फल और सब्जियों को छोटे वाहनों में लोड करने की सलाह दी गई है।
तेज बारिश के बीच अचानक धमाकों जैसी आवाजें सुनाई दीं, जिससे दयोड़ गांव के लोग डर गए। देखते ही देखते कैंची मोड़ पर कीरतपुर-मनाली फोरलेन का एक बड़ा हिस्सा ताश के पत्तों की तरह बह गया और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। सड़क के दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं और लोग मार्ग बहाली का इंतजार कर रहे हैं। पंडोह में दोनों ओर वाहन फंसे हैं।
दयोड़ गांव के निवासी यादवेंद्र ठाकुर ने बताया कि बारिश इतनी तेज थी कि छाता लेकर भी बाहर निकलना मुश्किल था। आसमान से बरसते पानी और पहाड़ से गिरते मलबे की गड़गड़ाहट धमाकों जैसी लग रही थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले कभी ऐसा भयानक दृश्य नहीं देखा था।
बारिश के दौरान फोरलेन से गुजर रहे तीन वाहन मलबे की चपेट में आ गए। एक चालक वाहन को बैक करते हुए नाली में ले गया। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई और लोग सुरक्षित बाहर निकल आए। वाहन चालकों ने बताया कि यह मंजर बेहद डरावना था और जान बचाने के लिए उन्हें भागना पड़ा।
पंडोह पुलिस चौकी प्रभारी अनिल कटोच ने बताया कि जहां फोरलेन धंसा है, वहां एनएचएआई की मशीनरी लगाकर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। स्थिति का आकलन करने के बाद अस्थायी मार्ग तैयार करने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन नुकसान बहुत ज्यादा है और सड़क को बहाल करने में समय लगेगा। फिलहाल, मंडी से पंडोह तक यातायात सुचारू है, लेकिन कैंची मोड़ के आगे फोरलेन पूरी तरह से बंद है।
जानकारी के अनुसार, फोरलेन का जो हिस्सा बचा है, उसमें भी बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। इससे सड़क की मजबूती को लेकर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन और एनएचएआई की टीमें मौके पर स्थिति की लगातार समीक्षा कर रही हैं और बहाली की संभावनाएं तलाश रही हैं।
बारिश और फोरलेन धंसने की इस घटना से दयोड़ गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। सड़क पर फंसे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि फोरलेन कब तक बहाल होगी और उन्हें राहत मिलेगी।
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— Rajesh Sharma (@sharmanews778) August 28, 2025
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