मनाली में बाढ़ का कहर: ब्यास नदी में उफान, दुकानें और इमारतें ध्वस्त, लेह हाईवे टूटा
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हिमाचल प्रदेश में प्रकृति का प्रकोप जारी है। भारी बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई है। दुकानें बह गई हैं, इमारतें ढह गई हैं, राजमार्गों से संपर्क टूट गया है और आवासीय इलाके जलमग्न हो गए हैं।

मंगलवार को कुल्लू जिले के मनाली में ब्यास नदी की तेज धाराओं ने एक बहुमंजिला होटल और चार दुकानों को बहा दिया। नदी का पानी मनाली के आलू मैदान में घुस गया और मनाली-लेह राजमार्ग कई जगहों पर अवरुद्ध हो गया। कुल्लू में घनवी खड्ड का पानी घरों में घुस गया।

मौसम विभाग ने कांगड़ा, चंबा और लाहौल एवं स्पीति जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, मंडी और कुल्लू जिलों और शिमला शहर में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।

मंडी जिले के बालीचौकी इलाके में सोमवार देर रात लगभग 40 दुकानों वाली दो इमारतें ढह गईं। इमारत के खतरनाक होने के बाद उसे पहले ही खाली करा लिया गया था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुई। किन्नौर जिले के कांवी में अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई।

विभिन्न जिला प्रशासनों ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। शिमला जिला प्रशासन ने मंगलवार सुबह सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया।

शिमला जिले में सोमवार सुबह से ही भारी बारिश हो रही है। मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और पेड़ उखड़ गए, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान और भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि सोमवार रात तक राज्य की कुल 795 सड़कें बंद थीं और लगभग 956 बिजली आपूर्ति ट्रांसफार्मर और 517 जलापूर्ति योजनाएं बाधित थीं। बंद 795 सड़कों में से 289 मंडी जिले में, 214 चंबा में और 132 कुल्लू में हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-तीन (मंडी-धर्मपुर रोड) और एनएच-305 (औट-सैंज) भी बंद हैं।

एसईओसी के अनुसार, 20 जून से 25 अगस्त के बीच हिमाचल प्रदेश में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 156 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 38 लापता हैं। एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक 77 बार अचानक बाढ़, 41 बार बादल फटने और 81 बड़े भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। बारिश से संबंधित घटनाओं में राज्य को 2,394 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

हिमाचल प्रदेश में एक जून से 25 अगस्त तक 703.7 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि औसत बारिश 577.9 मिलीमीटर होती है, जो सामान्य से 22 प्रतिशत अधिक है। राज्य में अगस्त में अब तक सामान्य से 44 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।

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