निषाद पार्टी में बड़ा फेरबदल: संजय निषाद ने अपने बेटे को पद से हटाया, जानिए क्यों
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संजय कुमार निषाद ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व में बड़े बदलावों की घोषणा की है। दिल्ली में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद यह पहली प्रदेश स्तरीय बैठक थी। इस बैठक में संगठन के भीतर अहम पदों पर फेरबदल किया गया।

डॉ. निषाद ने अपने छोटे बेटे और चौरीचौरा सीट से विधायक इंजीनियर सरवन निषाद को प्रदेश प्रभारी के पद से हटा दिया है। उनकी जगह बाबूराम निषाद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इसके साथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र मणि निषाद को भी उनके पद से हटा दिया गया है। व्यास मुनि निषाद को पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। रविंद्र मणि निषाद को संगठन में बनाए रखते हुए राष्ट्रीय कमेटी में पदोन्नत किया गया है।

इन बदलावों को उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। डॉ. निषाद ने इन निर्णयों के ज़रिए संगठन में नई ऊर्जा लाने और परिवारवाद के आरोपों का जवाब देने की रणनीति अपनाई है।

डॉ. संजय निषाद ने इन फैसलों की जानकारी साझा करते हुए लिखा, राजा का बेटा ही राजा बने, इस परंपरा को तोड़ने का साहस निषाद पार्टी ने किया है। सत्ता में रहते हुए अपने ही बेटे को पद से हटाना उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहला उदाहरण है।

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी अब नई टीम के साथ नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेगी। यह वक्त है जब युवा नेतृत्व को आगे लाया जाए। जो लोग मुझे परिवारवाद का आरोपी बताते थे, उनके लिए यह एक सीधा जवाब है। मैंने साबित किया है कि मेरे लिए संगठन और समाज पहले हैं, परिवार बाद में।

डॉ. निषाद ने यह भी कहा कि उनका परिवार हमेशा से समाज और संघर्षों के लिए समर्पित रहा है। संगठन में जिला स्तर पर भी बदलाव के संकेत दिए गए हैं और जल्द ही वहां भी नई जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं।

इन फैसलों के बाद यह साफ है कि निषाद पार्टी आगामी चुनावों से पहले खुद को नई सूरत में पेश करने की तैयारी कर रही है। पार्टी नेतृत्व यह संदेश देने की कोशिश में है कि वह संगठन की मजबूती और सामाजिक सरोकारों को परिवारिक रिश्तों से ऊपर रखता है।

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