बिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा विपक्षी एकता का नया मंच बनने जा रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद INDIA गठबंधन में दिख रही दरार को पाटने की कोशिश है.
खबर यह है कि राहुल गांधी की यात्रा में कांग्रेस के साथ-साथ INDIA गठबंधन के कई बड़े नेता शामिल होंगे. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन 27 अगस्त को पहुंचेंगे, तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव 30 अगस्त को.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस यात्रा में भाग लेंगे, हालांकि उनकी तारीख अभी तय नहीं है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 26 और 27 अगस्त को बिहार में रहेंगी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 29 अगस्त को पहुंचेंगे. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू भी राहुल गांधी के साथ दिखेंगे, लेकिन उनकी तारीखें घोषित नहीं हुई हैं.
सवाल यह है कि इन नेताओं को बिहार बुलाने का मकसद क्या है? इनमें से कई नेताओं का बिहार की राजनीति में कोई खास प्रभाव नहीं है. स्टालिन जैसे नेता तो अपनी हिंदी विरोधी राजनीति के लिए जाने जाते हैं, तो वे बिहार के लोगों से कैसे जुड़ेंगे? क्या यह सिर्फ INDIA गठबंधन की एकजुटता दिखाने और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का प्रयास है?
यह भी सवाल उठता है कि अगर एकजुटता दिखानी है, तो ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार जैसे नेताओं को क्यों नहीं बुलाया जा रहा है? अरविंद केजरीवाल ने तो बिहार में बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. तेजस्वी यादव के विरोध के बावजूद पप्पू यादव को मंच पर जगह नहीं मिलती, जबकि उनका कुछ जिलों में अच्छा जनाधार है.
बिहार में कांग्रेस का यह शक्ति प्रदर्शन उस समय हो रहा है, जब बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आरजेडी और कांग्रेस को घेरने की तैयारी कर रही है. संसद में PM-CM की कुर्सी छीनने वाला बिल बिहार में बीजेपी का बड़ा मुद्दा बनने वाला है. कल गयाजी की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके संकेत भी दिए थे.
2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार माना जाता है. आरजेडी ने 144 सीटों पर लड़कर 75 जीतीं, जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर लड़कर सिर्फ 19 सीटें ही जीत पाई. इस बार सीटों के बंटवारे में तेजस्वी यादव इस आंकड़े को नहीं भूलेंगे.
यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की यात्रा सीट बंटवारे के लिए कांग्रेस का दबाव बनाने का तरीका है. INDIA गठबंधन की शुरुआत बिहार से ही हुई थी, लेकिन नीतीश कुमार बाद में एनडीए में शामिल हो गए.
इस बीच, तेजस्वी यादव खुलकर कह रहे हैं कि राहुल गांधी अगले पीएम बनेंगे, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का एलान नहीं किया है. ये गठबंधन की एकजुटता के लिए अच्छा संकेत नहीं है.
#DNAWithRahulSinha | NDA की टेंशन बढ़ाने वाले प्रयोग का विश्लेषण... राहुल के सियासी मेहमान बिहार आने वाले हैं!#DNA #Bihar #BiharElection #RahulGandhi @RahulSinhaTV pic.twitter.com/IlgwdtK6gQ
— Zee News (@ZeeNews) August 23, 2025
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