आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मर्चेंट नेवी में नाविकों की संदिग्ध मौतों और गुमशुदगी पर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि इन घटनाओं को अक्सर दुर्घटना या आत्महत्या बताकर दबा दिया जाता है, जबकि सच्चाई यह है कि इनमें संगठित गड़बड़ी और शोषण की परतें छिपी हैं.
संजय सिंह ने शिपिंग कंपनियों, समुद्री यूनियनों और डीजी शिपिंग की मिलीभगत से इन संदिग्ध घटनाओं पर पर्दा डालने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि बीमा और वेलफेयर फंड में करोड़ों रुपये की हेराफेरी हो रही है.
संजय सिंह ने कई शिपिंग कंपनियों में काम करने वाले नाविकों से मिली जानकारी साझा की. एंग्लो ईस्टर्न शिप मैनेजमेंट से जुड़े कई गंभीर मामले सामने आए हैं. चीफ इंजीनियर संजय चौधरी की मौत को हृदय गति रुकने से हुई बताया गया, लेकिन मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में जहर और दम घुटने से मौत की पुष्टि हुई.
इसी कंपनी के थर्ड ऑफिसर शिवम मलिक की जिब्राल्टर में हुई मौत को आत्महत्या कहा गया, लेकिन भारत की जांच में हत्या की बात सामने आई. इसी कंपनी से जुड़े कैडेट जतिन मिश्रा 2019 से लापता हैं, जिनका कोई पोस्टमार्टम रिकॉर्ड तक उपलब्ध नहीं है.
फ्लीट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े कैडेट धनंजय अरोड़ा साल 2020 से लापता बताए जाते हैं. उनकी अंतिम फोटो में यातना के संकेत नजर आते हैं. ओशियन होस्ट शिप मैनेजमेंट में कार्यरत ऑइलर सौरभ पांडेय की मौत समुद्र में गिरने की घटना बताई गई, लेकिन बाद में मिला शव और अनुबंध व बीमा में पाई गई गड़बड़ियों ने इस पर सवाल खड़े किए.
आउसलैंड शिप मैनेजमेंट से जुड़े कैप्टन विवेक वर्मा को 2018 में ईरान में जबरन सर्जरी का सामना करना पड़ा और एक महीने बाद उनकी संदिग्ध मौत हो गई.
संजय सिंह ने कहा कि इन मामलों से एक साफ पैटर्न सामने आता है जिसमें फर्जी कंपनियां, अनुबंधों में बदलाव, जहाजों पर यातना, संदिग्ध मौतें, डीजी शिपिंग और यूनियनों की मिलीभगत और बीमा व मुआवजे में गड़बड़ी शामिल हैं.
आरटीआई से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी, 2018 से 1 जून, 2022 के बीच 383 भारतीय नाविकों की मौत हुई और 84 नाविक समुद्र में लापता हुए. अकेले एंग्लो ईस्टर्न शिप मैनेजमेंट कंपनी में 46 मौतों का रिकॉर्ड दर्ज है, जिनमें कई संदिग्ध पाई गईं.
सांसद ने पीड़ितों के परिवारों की ओर से स्वतंत्र और समयबद्ध जांच, फर्जी एजेंटों और दोषी कंपनियों पर कार्रवाई, दोषी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने और बीमा क्लेम का तत्काल भुगतान करने की मांग की. उन्होंने ईडी, सीबीआई और एनआईए जैसी एजेंसियों से संयुक्त जांच कराने की भी अपील की.
संजय सिंह ने घोषणा की कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और शिपिंग मंत्री से मिलकर संयुक्त जांच की मांग करेंगे.
इन मामलों पर दिल्ली, मुंबई और इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है. संजय सिंह के अनुसार, इन घटनाओं में मर्चेंट शिपिंग एक्ट 1958, RPSL रूल्स 2016, मैरिटाइम लेबर कन्वेंशन 2006 और अन्य संबंधित कानूनों का उल्लंघन हुआ है.
Merchant Navy से जुड़ा भयावह सच।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) August 21, 2025
5 साल में 350 भारतीय नाविकों की मौतें और गुमशुदगियाँ हादसे नहीं, बल्कि सिस्टमेटिक मर्डर और संगठित घोटाला हैं।
शिपिंग कंपनियाँ, DG शिपिंग की मिलीभगत से मानव तस्करी और ड्रग्स का धंधा कर रही हैं।
मौत के बाद मिलने वाली बीमा राशि में भी करोड़ों की… pic.twitter.com/uRgAvMt5bF
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