मॉस्को में जयशंकर का ऐलान: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत-रूस के रिश्ते सबसे मजबूत!
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मॉस्को में रूसी विदेश मंत्री लावरोव के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से भारत और रूस के बीच दुनिया के सबसे मजबूत रिश्ते रहे हैं.

जयशंकर ने द्विपक्षीय व्यापार को संतुलित और सतत तरीके से विस्तारित करने की साझा महत्वाकांक्षा की पुष्टि की, जिसमें रूस को भारत का निर्यात बढ़ाना भी शामिल है. उन्होंने गैर-टैरिफ और नियामक बाधाओं को तेजी से दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया. कृषि, फार्मा और कपड़ा जैसे क्षेत्रों में रूस को भारत का निर्यात बढ़ाने से व्यापार असंतुलन को ठीक करने में मदद मिलेगी.

विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है, यह चीन है. न ही भारत एलएनजी का सबसे बड़ा खरीदार है, यह यूरोपीय संघ है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत वह देश नहीं है जिसने व्यापार में सबसे बड़ी वृद्धि देखी है.

इससे पहले, जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री लावरोव से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह बैठक राजनीतिक संबंधों और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करती है. वे वर्ष के अंत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं. नेताओं ने हमेशा विशेष रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन दिया है.

दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की और कई समाधान भी निकाले. जयशंकर ने द्विपक्षीय चर्चाओं को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई ताकि वार्षिक शिखर सम्मेलन में अधिकतम परिणाम प्राप्त हों. उन्होंने कहा कि बैठक का वैश्विक संदर्भ बदलती भू-राजनीतिक स्थिति और बदलते आर्थिक व्यापार परिदृश्य द्वारा निर्धारित है. उनका साझा लक्ष्य अपनी पूरकता को अधिकतम करना है.

जयशंकर ने क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात की, जिसमें यूक्रेन, पश्चिम एशिया, मध्य पूर्व और अफगानिस्तान में हुए विकास शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण संवाद और कूटनीति पर जोर देना जारी रखेगा.

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण हैं. डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर रूस से तेल खरीदने पर 50 प्रतिशत टैरिफ (25 प्रतिशत पेनल्टी) लगाने की धमकी दी थी, क्योंकि उनका मानना था कि भारत द्वारा खरीदे गए कच्चे तेल का इस्तेमाल रूस यूक्रेन युद्ध में कर रहा है. इसके बाद से भारत और रूस के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बाद अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस के दौरे पर हैं.

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