देश में ऑनलाइन गेमिंग की लत तेज़ी से बढ़ रही है। अनुमान है कि 65 करोड़ भारतीय, यानी देश का हर दूसरा व्यक्ति, पैसे जीतने के लिए ऑनलाइन गेमिंग में दांव लगाता है।
रोजाना 90 करोड़ घंटे ऑनलाइन गेम खेलने में गुजरते हैं, जो कि 1 लाख साल के बराबर है। बच्चों और युवाओं पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
देश में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार 32 हजार करोड़ रुपए का है। हर सेकंड करीब 62 हजार रुपए ऑनलाइन गेमिंग में दांव पर लगाए जाते हैं।
18 साल से कम उम्र के करीब 7 करोड़ 36 लाख बच्चे ऑनलाइन गेम्स खेलते हैं। 34 वर्ष की उम्र तक के लगभग 34 करोड़ लोग इस लत का शिकार हैं।
एक गेमर औसतन हर हफ्ते करीब 14 घंटे गेम खेलता है। यह लत हमारे पैसे, समय और सेहत पर भारी पड़ रही है। रोजाना करीब 11 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं।
सरकार ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पेश किया है। इस बिल के अनुसार, ऑनलाइन गेम ऑफर करने पर 3 साल तक की कैद और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करने वाले सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटीज को भी सजा भुगतनी पड़ सकती है। सरकार बैंकों को इन प्लेटफॉर्म्स पर लेनदेन रोकने का निर्देश दे सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग की लत से GDP को 2% का नुकसान होता है, जो कि 6.8 लाख करोड़ रुपए है। यह नुकसान इतना बड़ा है कि इससे 80 करोड़ लोगों को तीन साल तक मुफ्त अनाज दिया जा सकता है।
गेमिंग कंपनियों ने 2024 में करीब 32 हजार करोड़ रुपए कमाए, जबकि यूजर्स ने इतने ही पैसे हारे। प्लेटफॉर्म गेम जीतने वालों के विनिंग अमाउंट में से भी 30% तक पैसा काटते हैं।
केवल 25% लोग ही ऑनलाइन गेमिंग में थोड़ा पैसा जीत पाते हैं। जीतने वालों को भी 28% GST और 30% TDS देना होता है, जिससे उनके हाथ में बहुत कम पैसे बचते हैं।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म FOMO (fear of missing out) का शिकार बनाते हैं और डोपामिन हुक यानी जीत का भ्रम देकर बार-बार खेलने के लिए उकसाते हैं।
WHO ने ऑनलाइन गेमिंग को एक मानसिक रोग माना है। 2023 में भारत में 9 अरब 50 करोड़ गेमिंग ऐप्स डाउनलोड किए गए थे।
तेलंगाना में ऑनलाइन गेमिंग में हार के बाद 1 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर 20 लाख के नुकसान पर 7 लोग खुदकुशी कर लेते हैं।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म हमारा डेटा ट्रैक करते हैं और इसे थर्ड पार्टी के साथ शेयर करते हैं, जिससे ऑनलाइन ठगी का खतरा बढ़ जाता है।
मद्रास हाईकोर्ट ने रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक ऑनलाइन गेम्स खेलने पर रोक लगाने को सही ठहराया था। 2022 से फरवरी 2025 तक केंद्र सरकार ने 1400 से ज्यादा ऑनलाइन गेमिंग साइट्स और ऐप्स को बैन किया है।
सरकार का कहना है कि इस कानून से भले ही आर्थिक नुकसान हो, लेकिन यह 65 करोड़ लोगों को इस लत से बचाने में मदद करेगा।
#DNAWithRahulSinha | ऑनलाइन गेम पर अब जेल भी..जुर्माना भी! क्या आपके घर में ऑनलाइन गेम चलता है?
— Zee News (@ZeeNews) August 20, 2025
ऑनलाइन गेमिंग पर लगेगी रोक, मनी बेस्ड गेम ऑफर करना अब गैरकानूनी होगा! रियल-मनी गेम ऑफर करने पर 3 साल तक की जेल, 1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है#DNA #OnlineGaming… pic.twitter.com/Iu4G4ponbY
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