लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश करते ही विपक्षी सांसद विरोध में उतर आए। शोर-शराबा इतना बढ़ गया कि सांसदों ने विधेयक की प्रति ही फाड़ दी।
आज लोकसभा में कुल तीन विधेयक पेश किए गए, जिनका असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने जमकर विरोध किया।
इस दौरान, एक क्षण ऐसा भी आया जब कांग्रेस सांसद द्वारा गृह मंत्री के पुराने मामलों का जिक्र करने पर अमित शाह गुस्से में आ गए और उन्होंने दहाड़ते हुए कहा कि उन्होंने (शाह) इस्तीफा दिया था।
शाह ने कहा कि उन पर झूठे आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद उन्होंने नैतिकता के मूल्यों का हवाला देते हुए गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक अदालत ने उन्हें निर्दोष साबित नहीं किया, उन्होंने कोई संवैधानिक पद नहीं संभाला।
विरोध के बीच, संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 की प्रतियां फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकी गईं।
असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार इन विधेयकों के माध्यम से देश को पुलिस स्टेट बनाना चाहती है, जिससे एजेंसियों को खुली छूट मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हटाने का अधिकार विधानसभा में होना चाहिए, लेकिन इन विधेयकों के तहत किसी पर भी धाराएं लगाकर 90 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा जा सकता है, जिससे मनमानी की जा सकती है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि संविधान कानून के शासन की बात करता है, जिसकी बुनियाद यह है कि जब तक किसी का अपराध साबित नहीं हो जाता, तब तक उसे निर्दोष माना जाए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक इस सिद्धांत का उल्लंघन करता है और संविधान के मूल ढांचे को नष्ट कर देता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह विधेयक राज्य के संस्थानों द्वारा राजनीतिक दुरुपयोग का मार्ग प्रशस्त करता है, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने बार-बार आपत्ति जताई है।
130वें संशोधन में किए गए प्रावधान के अनुसार, यदि कोई नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री किसी भी अपराध में 20 दिनों तक न्यायिक हिरासत (जेल) में रहते हैं, तो उन्हें पद छोड़ना होगा।
विपक्षी सदस्यों का दावा है कि केंद्र सरकार इस विधेयक के माध्यम से एजेंसियों का इस्तेमाल करके मंत्रियों को पद से हटा सकती है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि इस कानून का इस्तेमाल सरकार गिराने के लिए किया जा सकता है। आप नेता अनुराग ढांडा ने कहा कि फर्जी केस बनाकर मुख्यमंत्री को जेल में डालकर सरकार गिराई जा सकती है, भले ही बाद में सबूतों के अभाव में केस वापस ले लिया जाए।
*.@BJP4India सरकार इन बिलों के जरिए देश को पुलिस स्टेट बनाना चाहती है, हम इसका विरोध करेंगे सिर्फ आपराधिक आरोपों के बुनियाद पर PM, CM और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक पर मीडिया से मेरी बातचीत pic.twitter.com/iIZiMngjua
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 20, 2025
वोटर अधिकार यात्रा: राहुल गांधी का बड़ा ऐलान- सरकार बनी तो चुनाव आयोग को सजा देंगे
संसद में 130वां संशोधन विधेयक पेश, ममता बनर्जी ने बताया लोकतंत्र के लिए मृत्युदंड
माइक चालू! बैठक से पहले नेताओं की अनौपचारिक बातचीत रिकॉर्ड
वर्ल्ड कप 2025: 15 सदस्यीय टीम घोषित, RCB-DC के 5, MI के 3 खिलाड़ी शामिल!
पाकिस्तान को अब भारत से रिश्ते सुधारने की गरज नहीं: शशि थरूर
क्या ताइवान पर हमला करने की तैयारी में चीन? ADIZ में तैनात किए 10 लड़ाकू विमान और 6 नौसैनिक जहाज
मुख्यमंत्री पर हमला: आरोपी की मां का दावा, मेरा बेटा राजनीति नहीं, जानवरों से जुड़ा है
उमर अब्दुल्ला का रहस्यमय पोस्ट: क्या फिर मिलेगा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा?
बिहार: प्रशांत किशोर ने आपराधिक आरोप वाले विधेयक का किया समर्थन, बताया बिलकुल ठीक
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला: गुजराती होने पर उठे सवाल, RJD के पोस्ट से बवाल