लाल किले से PM का ऐलान: जिस RSS से नौकरी छीनते थे, उसकी राष्ट्र सेवा को किया नमन
News Image

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सेवाओं का जिक्र करते हुए इसे विश्व का सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन (NGO) बताया है। उन्होंने कहा कि यह संगठन देश के अलग-अलग हिस्सों में योगदान दे रहा है।

प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि आज से 100 साल पहले RSS का जन्म हुआ और संघ के लोग तब से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक माँ भारती के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।

प्रधानमंत्री ने लाल किले से 100 साल की इस राष्ट्र सेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण किया। उन्होंने कहा कि देश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इस 100 साल की भव्य, समर्पित यात्रा पर गर्व करता है और यह हमें प्रेरणा देता रहेगा।

कांग्रेस ने RSS को रोकने के लिए कई चालें चलीं। कांग्रेस की सरकार ने तीन बार RSS पर प्रतिबंध लगाया। 60 के दशक में कांग्रेस ने सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर बैन लगा दिया था। महात्मा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस ने RSS को खुलेआम टारगेट करना शुरू किया और संघ पर बैन लगा दिया। हालांकि, बाद में गृहमंत्री सरदार पटेल ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, जिसके बाद इस बैन को हटाया गया।

1975 में जब इमरजेंसी लागू हुई तो फिर RSS को बैन किया गया। 1977 के चुनावों में RSS ने इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद RSS से फिर से बैन हटाया गया। 1992 में जब अयोध्या में कारसेवा के बाद बाबरी ढाँचा गिरा तो फिर कांग्रेस को RSS पर बैन लगाने का मौका मिल गया। इस बार UAPA 1967 के प्रावधानों के तहत बैन लगाया गया। मामला ट्रिब्यूनल कोर्ट तक गया, हालांकि कोर्ट को RSS के विरुद्ध पर्याप्त सबूत नहीं मिले और RSS से बैन एक बार फिर हटा दिया गया।

RSS पर प्रतिबंध नहीं लग सका तो कांग्रेस ने संघ के सरकारी कर्मचारियों को इस संगठन की गतिविधियों में शामिल होने से रोकने का प्रयास किया। पुलिस को आदेश दिया गया कि वे सत्यापित करें कि केंद्र में काम करने वाले लोग RSS से तो नहीं जुड़े, अगर जुड़े हैं तो उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाए। कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि उन्हें नौकरी देने से मना कर दो और नौकरी से हटा दो।

रामशंकर रघुवंशी, जो एक स्कूल शिक्षक थे, को पुलिस ने बताया कि वे एक समय में RSS और जनसंघ की गतिविधियों में शामिल थे, तो उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। रंगनाथाचार्य अग्निहोत्री को कर्नाटक में मुंसिफ के पद के लिए चुना गया था, लेकिन पुलिस सत्यापन में पता चला कि वे पहले येलबुर्गा में RSS से जुड़े रहे थे, जिसके बाद सरकार ने उन्हें नौकरी में प्रवेश देने से मना कर दिया।

नागपुर के चिंतामणि, जो उप पोस्ट मास्टर थे, पर आरोप लगाया गया था कि वे RSS के सदस्य हैं और संक्रांति के अवसर पर RSS कार्यालय गए थे, जिसके लिए उन्हें सेवा से हटा दिया गया था। हालांकि, चिंतामणि ने हार नहीं मानी और मैसूर हाई कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि RSS एक गैर-राजनीतिक सांस्कृतिक संगठन है और इसमें गैर-हिंदुओं के प्रति कोई घृणा या दुर्भावना नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी ने RSS के स्वयंसेवकों पर लगा यह प्रतिबंध 2024 में हटा दिया था। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से जिस तरह RSS की सेवाओं का उल्लेख किया है, वह कांग्रेस को अपने मुँह पर चाँटे की तरह महसूस हो रहा होगा, क्योंकि यह सम्मान संघ ने कांग्रेस के जुल्म को सहते हुए लगातार देश सेवा कर अर्जित किया है।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

आज नौजवानों की लगेगी लॉटरी! 1 लाख करोड़ की योजना शुरू, खाते में आएंगे ₹15,000

Story 1

सड़क पर मौत से जूझ रहे कोआला को शख्स ने बचाया, फिर लगाई प्यार भरी डांट!

Story 1

नागिन ने नाग को दिया धोखा, प्रेमी संग लिपटी, वीडियो देख भर आएंगे आंसू

Story 1

बॉर्डर 2: नई रिलीज डेट के साथ सनी देओल का दमदार लुक जारी!

Story 1

लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस के AC कोच में शराब का जखीरा बरामद, यात्रियों में मची खलबली

Story 1

रेणुकास्वामी हत्याकांड: अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा गिरफ्तार, दर्शन की भी बढ़ीं मुश्किलें

Story 1

उल्लू को देख बिल्ली की फटी रह गईं आंखें, पलटने पर हो गया खेला !

Story 1

फतेहपुर मकबरा विवाद: सपा से मुस्लिम समाज नाराज, कहा - वोट के सब साथी...विपद में कोई नहीं आया

Story 1

साथी की मौत पर ऊंट का पहरा: रात भर शव को वाहनों से बचाता रहा

Story 1

कोलकाता में बंगाल फाइल्स का ट्रेलर लॉन्च रद्द, विवेक अग्निहोत्री ने ममता सरकार को दी चेतावनी!