किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही: 46 की मौत, सैकड़ों लापता
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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को बादल फटने से भयंकर तबाही हुई है।

किश्तवाड़ से 90 किलोमीटर दूर चिशोती गांव में सुबह करीब 11 बजे बादल फटा, जिसके बाद पानी का सैलाब आ गया।

पानी के साथ मिट्टी, पत्थर और चट्टानें बहकर आईं, जिन्होंने रास्ते में आने वाली हर चीज को नष्ट कर दिया।

इस हादसे में CRPF के 2 जवानों सहित 46 लोगों की जान चली गई है, 120 से ज्यादा लोग घायल हैं, और लगभग 250 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

अब तक 167 लोगों को बचाया गया है, लेकिन खराब मौसम के चलते बचाव कार्य में भारी परेशानियां आ रही हैं।

चिशोती में मचैल माता यात्रा के दौरान यह हादसा हुआ, जहां हजारों श्रद्धालु जमा थे। मचैल माता मंदिर चिशोती से 8.5 किलोमीटर दूर 9,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

हर साल इस यात्रा में देश भर से लोग आते हैं। श्रद्धालुओं के लिए लंगर और टेंट लगे थे, लेकिन बादल फटने से सब कुछ बह गया।

दुकानें, घर, सड़कें और पुल तक पानी के तेज बहाव में नष्ट हो गए। प्रशासन के अनुसार, आधिकारिक तौर पर 220 लोग लापता हैं, लेकिन वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है।

राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है। NDRF की 2 टीमें उधमपुर से चिशोती के लिए रवाना हुईं। जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और SDRF की टीमें भी बचाव में जुटी हैं।

किश्तवाड़, डोडा और भदरवाह से एम्बुलेंस भेजी गई हैं, और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं, जिससे घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मुश्किल हो रही है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने कहा कि मचैल माता यात्रा की वजह से पूरे इलाके में जबरदस्त भीड़ थी और कई दुकानें बह गईं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन से संपर्क करके हालातों का अपडेट लिया है और कहा है कि केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक जताया और हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह से बात की है, और लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा है कि प्रभावित लोगों को तुरंत मदद पहुंचाई जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने बादल फटने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है।

किश्तवाड़ में इस आपदा के कारण जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।

मचैल माता यात्रा में शामिल कुछ लोग जो मंदिर में दर्शन करके लौट रहे थे, हादसे से बाल-बाल बच गए। कई लोग अभी भी अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे हैं।

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