बिहार में वोटर अधिकार यात्रा पर निकलने से पहले राहुल गांधी ने कुछ लोगों से मुलाकात की, जिन्हें वोटर लिस्ट में मृत घोषित कर दिया गया है. उन्होंने इन लोगों को दिल्ली बुलाकर चाय पिलाई और सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए चुनाव आयोग पर तंज कसा.
लेकिन क्या राहुल गांधी ने पहले भी ऐसी बातों पर ध्यान दिया है? उत्तर प्रदेश में तो एक मृतक संघ भी बना हुआ है, जिसके नेता लाल बिहारी लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं - यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खिलाफ भी.
राहुल गांधी ने बिहार के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के राम इकबाल राय, हरेंद्र राय, मुन्ना कुमार, लालमुनी देवी, बचिया देवी, लालवती देवी और पूनम कुमारी से मुलाकात की. इन लोगों का आरोप है कि सभी कागजी कार्यवाही पूरी करने के बावजूद SIR प्रक्रिया के दौरान उनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा, जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं, लेकिन कभी मृत लोगों के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था... इस अनोखे अनुभव के लिए, धन्यवाद चुनाव आयोग!
1972 में आजमगढ़ के लाल बिहारी को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया था. परिवार के सदस्यों ने जायदाद की लालच में यह साजिश रची थी. 22 साल के संघर्ष के बाद 1994 में लाल बिहारी को इंसाफ मिला. अदालत के आदेश पर उन्हें कागजों में जिंदा मान लिया गया.
लाल बिहारी ने अपने नाम के आगे मृतक शब्द जोड़ लिया था, क्योंकि अदालत में उन्हें लाल बिहारी मृतक हाजिर हो कहकर बुलाया जाता था. उन्होंने मृतक संघ बनाया, जो पिछले 50 साल से मृतकों को न्याय दिलाने का काम कर रहा है.
अपनी ज़िंदा होने का सबूत देने के लिए लाल बिहारी 1989 में राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने 2024 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी चुनाव लड़ने की तैयारी की थी. लाल बिहारी के संघर्ष पर बॉलीवुड में कागज फिल्म भी बन चुकी है.
राहुल गांधी के पास लाल बिहारी के साथ भी चाय पीने का मौका था, जिसने कांग्रेस के शासनकाल में ही अपना संघर्ष किया. लेकिन उनका ध्यान नहीं गया, तब भी नहीं जब वह उनके पिता राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके थे.
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायतें लगातार आ रही हैं. राहुल गांधी महाराष्ट्र का मुद्दा उठा चुके हैं और कर्नाटक की केस स्टडी को लेकर सबूत पेश करने का दावा कर चुके हैं. बिहार से डबल वोटर आईडी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें तेजस्वी यादव और विजय सिन्हा का नाम भी शामिल है.
विपक्ष के SIR पर हमलावर रुख से जूझ रही बीजेपी अब कांग्रेस के खिलाफ धावा बोलने लगी है. बीजेपी का दावा है कि सोनिया गांधी के भारतीय नागरिक बनने से पहले ही उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो चुका था. अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया है कि इटली में पैदा हुईं सोनिया गांधी का नाम 1980 में वोटर लिस्ट में जुड़ गया था, जबकि वह 1983 में भारतीय नागरिक बनी थीं.
*जीवन में बहुत दिलचस्प अनुभव हुए हैं,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 13, 2025
लेकिन कभी मृत लोगों के साथ चाय पीने का मौका नहीं मिला था।
इस अनोखे अनुभव के लिए, धन्यवाद चुनाव आयोग! pic.twitter.com/Rh9izqIFsD
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