किश्तवाड़ में फटा बादल, धरती चीरने जैसा मंजर: मचैल माता यात्रा पर गए श्रद्धालुओं पर बरसी आफत
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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती इलाके में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। इस हादसे में अब तक 32 लोगों की मौत की खबर है, और मृतकों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। लगभग 80 लोग घायल बताए जा रहे हैं, जिनमें से कई गंभीर हैं।

चशोती में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और सेना के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं ने इस हादसे पर दुख जताया है और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।

किश्तवाड़ के चशोती से सामने आई तस्वीरें और वीडियो भयावह मंजर दिखा रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने धरती चीर दी हो। दूर-दूर तक मलबा फैला हुआ है, जिसमें गाड़ियां, बाइक, घर और दुकानें तबाह हो गए हैं।

बताया जा रहा है कि हादसे की चपेट में आए ज्यादातर लोग किश्तवाड़ जिले में स्थित मचैल माता मंदिर की यात्रा पर जा रहे थे।

जिस जगह पर बादल फटा, वहां लंगर चल रहा था। बादल फटते ही पानी तेजी से आया और वहां मौजूद लोग उसकी चपेट में आ गए। यह आपदा गुरुवार को दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे।

मचैल माता मंदिर साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है और चशोती गांव मंदिर के सबसे करीब है। श्रद्धालु चशोती गांव तक मोटर वाहन से पहुंच सकते हैं, उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर पैदल चलना होता है।

अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 32 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। 65 लोगों को बचाया गया है।

किश्तवाड़ जिला प्रशासन के अनुसार, पद्दार का मचैल गांव चंडी माता के मंदिर के कारण धार्मिक महत्व का स्थान है। हर साल भादूं संक्रांति (15 या 16 अगस्त) के दिन मचैल में चंडी माता मंदिर के बाहर एक बड़ा मेला लगता है, जहां लोग देवी की पूजा-अर्चना करते हैं।

चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से करीब 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया लंगर सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने से आई बाढ़ में दुकानें और एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से बात की है। उन्होंने बताया कि प्रशासन तुरंत कार्रवाई में जुट गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है।

हादसे के बाद मचैल माता मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है। अधिकारियों ने बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दल उधमपुर से किश्तवाड़ भेजे गए हैं।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना में हुई जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त किया है और अधिकारियों को बचाव एवं राहत अभियान को तेज करने के निर्देश दिए हैं।

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