कार से भी कम कीमत में रूसी फैक्ट्री बना रही है घातक लड़ाकू ड्रोन!
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रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को और तेज करने की तैयारी में है. येलाबुगा फैक्ट्री में हर महीने हजारों लड़ाकू ड्रोन बनाए जा रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि इन्हें बनाने के लिए 15 साल के बच्चों को भी काम पर रखा गया है.

रूस का लक्ष्य इन ड्रोन का इस्तेमाल रात के अंधेरे में यूक्रेन के शहरों पर बड़े पैमाने पर हमले करने का है.

कजान शहर के पास स्थित येलाबुगा फैक्ट्री, अलाबुगा स्पेशल इकोनॉमिक जोन में है और यह दुनिया की सबसे बड़ी लड़ाकू ड्रोन फैक्ट्री बताई जा रही है.

हाल ही में रूसी रक्षा मंत्रालय के टीवी चैनल पर इस प्लांट के अंदर का वीडियो दिखाया गया. वीडियो में किशोर और कॉलेज के छात्र ड्रोन बनाते हुए देखे जा सकते हैं. 15 साल की उम्र से ही बच्चे काम में लगे हुए हैं और ज्यादातर पास के टेक्निकल कॉलेज से आते हैं.

वीडियो में दर्जनों बच्चे ड्रोन के पार्ट्स जोड़ते और कंप्यूटर पर काम करते नजर आ रहे हैं. कुरचातोव, कोरोल्योव और स्टालिन आपके डीएनए में हैं जैसे बैनर भी यहां काम करने वाले युवाओं को प्रेरित करने के लिए लगाए गए हैं.

फैक्ट्री में काले रंग के गेरान-2 ड्रोन बनाए जा रहे हैं, जो ईरान के शाहेद ड्रोन का रूसी संस्करण हैं.

इन ड्रोन की कीमत 10 लाख से 70 लाख रुपये के बीच है, जो भारत में एक कार की कीमत के बराबर या उससे भी कम है. रूस अपनी लागत को और भी कम करने की योजना बना रहा है.

दूसरी ओर, यूक्रेन की हवाई रक्षा के लिए इस्तेमाल होने वाली पैट्रियट मिसाइलें बहुत महंगी हैं, जिनकी कीमत लगभग 48 करोड़ रुपये के करीब है. रूस अपने सस्ते ड्रोन से यूक्रेन के डिफेंस सिस्टम को कमजोर करना चाहता है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस हर महीने 5,000 से ज्यादा लंबी दूरी के ड्रोन बना रहा है. 2025 की पहली छमाही में येलाबुगा फैक्ट्री का लक्ष्य 18,000 ड्रोन बनाने का है.

फिलहाल, रूस हर रात औसतन 500 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइलों से यूक्रेन पर हमला कर रहा है. 9 जुलाई को उसने 741 ड्रोन और मिसाइल दागे थे, जो अब तक का सबसे बड़ा हमला था.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने येलाबुगा फैक्ट्री का दौरा किया और कहा कि ऐसी फैक्ट्रियां पूरे रूस में बनाई जानी चाहिए ताकि ईरान से ड्रोन मंगाने की जरूरत कम हो सके.

गेरान-2 ड्रोन 3.5 मीटर लंबा है, जिसका वजन 200 किलो है और यह 50 किलो विस्फोटक ले जाने में सक्षम है. इसकी रेंज 1,800 किलोमीटर और गति 300 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो इसे रात के हमलों के लिए बेहद खतरनाक बनाती है.

यूरोप के डिफेंस एक्सपर्ट्स का कहना है कि रूस जल्द ही हर रात 2,000 ड्रोन हमले करने की क्षमता हासिल कर सकता है. जर्मनी के सैन्य अधिकारी जनरलमेजर क्रिश्चियन फ्रॉयडिंग ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन और उसके सहयोगियों को सस्ती हवाई रक्षा प्रणालियां विकसित करनी होंगी.

रूस की रणनीति यूक्रेन के लोगों का हौसला तोड़ने की है, जो पिछले चार साल से इस युद्ध का सामना कर रहे हैं. येलाबुगा फैक्ट्री 2023 में शुरू हुई थी और इसका स्थान भी बेहद रणनीतिक है, क्योंकि कामा नदी से कैस्पियन सागर और फिर ईरान तक सीधा व्यापारिक मार्ग जुड़ा हुआ है.

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