जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसका कारण खराब स्वास्थ्य बताया गया है. यह इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के शुरू होने के ठीक बाद आया है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं.
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुआ है. उनके अनुसार, उपराष्ट्रपति और सरकार के बीच कुछ मतभेद थे, जो इस्तीफे का कारण बने. कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि धनखड़ किसानों के मुद्दों पर सरकार के रुख से सहमत नहीं थे और उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर भी अपनी असहमति जताई थी.
आजतक संवाददाता मौसमी सिंह ने बताया कि जगदीप धनखड़ मानसून सत्र के पहले दिन पूरी तरह से सक्रिय थे और उन्होंने कई मीटिंगें भी कीं. शाम 6 बजे उन्होंने विपक्षी सांसदों से मुलाकात की, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी कोई बात नहीं की. इसके तीन घंटे बाद ही उनका इस्तीफा आ गया.
धनखड़ का 23 जुलाई को जयपुर दौरा प्रस्तावित था, जहां उन्हें रियल एस्टेट डेवलपर्स संघ के साथ संवाद करना था. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने इस कार्यक्रम से संबंधित प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी.
राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुआ है. उनके साथ कुछ ऐसा हुआ था जिससे वह आहत थे और उन्होंने अपनी नाराजगी कुछ लोगों के साथ साझा की थी. उन्होंने कारणों को स्पष्ट रूप से बताने से इनकार करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी ने कहा कि जगदीप धनखड़ सबसे मुखर उपराष्ट्रपति रहे हैं और वह हार मानने वालों में से नहीं हैं. उनका इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई बड़ी वजह जरूर है. उन्होंने यह भी कहा कि खराब स्वास्थ्य का पता उन्हें एक ही दिन में नहीं चला होगा, इसलिए मानसून सत्र के बीच इस्तीफा देना संदेह पैदा करता है.
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि यह उनके लिए चौंकाने वाला है क्योंकि उन्होंने शाम 5:45 बजे उनकी केबिन छोड़ी थी. उन्होंने जयराम रमेश और प्रमोद तिवारी के साथ जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर चर्चा की थी और उस समय उन्हें उनकी तबीयत खराब नहीं लगी थी.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी इस कदम को रहस्यमय बताया है. उन्होंने कहा कि वह शाम 5 बजे तक उनके साथ थे और कई अन्य सांसद भी मौजूद थे. शाम 7:30 बजे उन्होंने उनसे फोन पर बात भी की थी.
जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में स्वास्थ्य और चिकित्सकीय सलाह का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(a) के तहत अपने इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
धनखड़ से पहले दो और उपराष्ट्रपति भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे. कृष्ण कांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था, जबकि वराहगिरि वेंकट गिरि (V.V. Giri) ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था.
जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे.
— Vice-President of India (@VPIndia) July 21, 2025*
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