अश्विन से जलन पर हरभजन का खुलासा: हर कोई किसी न किसी को रिप्लेस करता है...
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हरभजन सिंह और रविचंद्रन अश्विन, भारत के दो महान ऑफ स्पिनर रहे हैं, जिन्होंने देश के लिए कई मैच जीते हैं। हालांकि, दोनों अब संन्यास ले चुके हैं। हरभजन ने अश्विन के पॉडकास्ट पर उनसे बातचीत की और जलन की अफवाहों का खंडन किया।

अश्विन ने अपने कुट्टी स्टोरीज विद ऐश पॉडकास्ट में हरभजन को बुलाया और उनके प्रति सम्मान जताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने हरभजन को देखकर ऑफ स्पिन सीखी। अश्विन ने जलन की अफवाहों पर सवाल पूछा।

हरभजन ने जवाब दिया कि क्या अश्विन को लगता है कि उन्हें जलन होती है। उन्होंने कहा कि वे साथ बैठे हैं और विस्तार से बात की है। अश्विन ने कहा कि अगर उन्हें कभी जलन हुई भी, तो यह उचित है क्योंकि सभी इंसान हैं।

हरभजन ने स्पष्ट किया कि जब अश्विन टीम में आए, तो उन्होंने सोचा कि वे लंबे समय तक खेल सकते हैं। उन्होंने यह भी सोचा कि यह टीम में बने रहने के लिए प्रतिद्वंद्विता है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने खेल को आगे बढ़ाना होगा और टीम में बने रहने के लिए और कड़ी मेहनत करनी होगी।

अश्विन ने पूछा कि हरभजन ने किसको रिप्लेस किया था, जिस पर हरभजन ने राजेश चौहान का नाम लिया।

अश्विन ने कहा कि हरभजन ने 100 विकेट वाले खिलाड़ी को रिप्लेस किया था, जबकि उन्होंने 400 विकेट ले चुके खिलाड़ी को। हरभजन एक लीजेंड थे।

हरभजन ने कहा कि टीम में किसी का स्थान हमेशा के लिए तय नहीं है। कोई भी खिलाड़ी हमेशा के लिए टीम में नहीं रह सकता। कोई शीर्ष पर होता है, फिर कोई आता है और उसे रिप्लेस करता है। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि उन्हें अश्विन से जलन थी, लेकिन उन्होंने विकेट को लेकर बात की थी, जो कि वे अब भी सही मानते हैं।

हरभजन ने कहा कि जिस पिच पर अश्विन ने खेला, उसमें काफी मदद थी। उन्होंने अश्विन का श्रेय नहीं लेना चाहा, लेकिन उनकी पिचें काफी अलग थीं। उन्होंने कहा कि वे देख रहे हैं कि तीन दिन में खेल खत्म हो रहा है।

हरभजन ने कहा कि पिच को लेकर उनकी आलोचना जायज थी और वे अभी भी वही कहते हैं। उन्होंने कहा कि उनका बयान इसलिए था क्योंकि जिस तरह की क्रिकेट हो रही है, उसमें तीन दिन में टेस्ट खत्म हो रहा है। यह अश्विन की किस्मत है कि उन्होंने 500 विकेट लिए।

हरभजन ने कहा कि उन्होंने अश्विन को गेंदबाजी करते देखा है और उन्होंने रेड बॉल ही नहीं, व्हाइट बॉल से भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने विदेशी जमीन पर भी शानदार गेंदबाजी की है। वे श्रीलंका दौरे पर साथ खेले भी थे और उन्होंने देखा कि अश्विन उनसे 10 गुणा ज्यादा बेहतर गेंदबाजी कर रहे थे।

हरभजन ने कहा कि उनकी स्किल में गिरावट आई थी और उनकी मानसिक स्थिति में थोड़ी गिरावट आई थी। उन्हें पता लग गया था कि टीम में बने रहने के लिए उन्हें अश्विन की गेंदबाजी की बराबरी करनी होगी।

हरभजन ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हो पा रहा तो समझ में आ जाता है कि अब समय आ चुका है। अब सामने वाले को सारी जिम्मेदारी सौंपो। उन्होंने कहा कि लोगों को लगा कि उन्हें ईर्ष्या है, लेकिन उन्हें अश्विन से एक प्रतिशत भी जलन नहीं है। उन्हें खुशी है कि उनके बाद कोई इतने विकेट ले सका। यह अश्विन की किस्मत थी।

उन्होंने कहा कि अश्विन तो क्रिकेट खेलना भी नहीं चाहते थे, लेकिन उन्होंने कोशिश की। ऊपर वाले ने उन्हें मेहनत करते देखा और उन्हें बड़ी कामयाबी दी।

हरभजन ने 17 साल के अपने टेस्ट करियर में 417 विकेट लिए, जबकि अश्विन ने 13 साल लंबे करियर में 106 टेस्ट में 537 विकेट निकाले।

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