चीन दुनिया को चांद पर भेजने की बातें करता है, लेकिन उसके अपने ही मजदूर सिर छुपाने के लिए छत तक नहीं जुटा पा रहे हैं। हाईटेक सिटी शेनझेन, जो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्रियों और टेक ब्रांड्स के लिए मशहूर है, वहां हजारों मजदूर सड़कों पर जीवन बिताने को मजबूर हैं।
शेनझेन और आसपास के औद्योगिक इलाकों में मजदूरों से 12 से 13 घंटे काम कराया जाता है। बदले में मिलने वाली तनख्वाह किसी भी बड़े शहर में गुजर-बसर के लिए काफी नहीं है।
China Labour Bulletin के अनुसार, शेनझेन की इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में मजदूरों को औसतन 1,000 से 1,500 युआन (100 से 200 अमेरिकी डॉलर) महीना मिलता है। इतनी कम आय में किराया, खाना और दूसरी जरूरतें पूरी करना नामुमकिन है।
कई मजदूरों के पास कंपनी की तरफ से हॉस्टल नहीं होता और वे शेनझेन जैसे महंगे शहर में कमरा किराए पर नहीं ले सकते। इसलिए वे फुटपाथ, बस स्टेशन या रेलवे प्लेटफॉर्म पर रात बिताने को मजबूर हैं।
श्रमिक यूनियनों के मुताबिक, कई फैक्ट्रियां ओवरटाइम के लिए अलग से पैसे नहीं देतीं। मैन्युफैक्चरिंग हब में चीन की 996 कल्चर कुख्यात है, जिसमें सुबह 9 से रात 9 बजे तक, हफ्ते में 6 दिन काम करना होता है। हालांकि, 2021 में चीन की सुप्रीम कोर्ट ने इसे गैरकानूनी करार दिया था, लेकिन यह आज भी कई जगह लागू है।
शेनझेन को चीन का सिलिकॉन वैली कहा जाता है। यहां Huawei, Tencent, DJI जैसी दिग्गज कंपनियों के हेडक्वार्टर हैं। शहर के हाईटेक बनने के साथ ही हाउसिंग की कीमतें आसमान छू गई हैं।
आंकड़ों के अनुसार, शेनझेन में औसत घर का किराया 3,000 युआन (400 डॉलर) महीना है, जबकि मजदूरों को 1,000 युआन भी नहीं मिलते।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ जगहों पर मजदूरों ने अस्थायी झुग्गियां बना रखी हैं। कई छोटे होटल या डॉरमेट्री भी मजदूरों से मनमानी रकम वसूलते हैं, पर फिर भी सबको जगह नहीं मिलती।
शेनझेन लोकल गवर्नमेंट ने मजदूरों के लिए कुछ हॉस्टल स्कीम्स जरूर शुरू की थीं, लेकिन ये स्कीम्स बेहद सीमित और शहर की मांग के मुकाबले नाकाफी हैं।
सेंसरशिप के कारण इस मुद्दे पर खुलकर रिपोर्टिंग करना मुश्किल है। फिर भी Human Rights Watch, Amnesty International जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट्स चीन के मजदूरों के हालात को उजागर करती रही हैं।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में मजदूर आज भी बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं।
Here in Shenzhen, China, the streets are full of homeless people.
— Indic Matrix🧊👁️👾 (@IndicMatrix) July 21, 2025
In Chinese factories,workers have to work 13 hours a day,and their monthly salary is only 1,000 yuan — that’s just about 100 US dollars.They can’t afford a place so they have no choice but to sleep on the streets pic.twitter.com/3A5c5qyB7D
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