बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का मनोबल टूटा? 500 से ज्यादा सैनिकों ने लड़ने से किया इनकार!
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बलूचिस्तान में स्वतंत्रता संग्राम ने एक नया मोड़ ले लिया है। बलूच कार्यकर्ताओं के अनुसार, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के बढ़ते दबाव के चलते 500 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने लड़ाई से इनकार कर दिया है। इन सैनिकों को बसों में भरकर पंजाब प्रांत वापस भेज दिया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों के अनुसार, बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया है। एक पोस्ट में दावा किया गया है कि यह बलूचिस्तान की ऐतिहासिक जीत है और बलूच संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर है। पोस्ट के साथ साझा किए गए वीडियो में बलूच विद्रोहियों की कार्रवाइयों को दिखाया गया है।

बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जहां प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है। यहां लंबे समय से स्वतंत्रता की मांग उठ रही है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) जैसे संगठन पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष चला रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार प्रांत के संसाधनों का शोषण कर रही है और स्थानीय आबादी को गरीबी में धकेल रही है।

हाल के महीनों में BLA ने अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है। उन्होंने सैन्य चौकियों, सरकारी इमारतों और चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर हमले किए हैं।

7 जुलाई को बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने ऑपरेशन बाम शुरू किया, जिसके तहत पंजगुर, सुरब, केच और खारान जैसे जिलों में सैन्य और सरकारी ठिकानों पर 17 हमले किए गए। इन हमलों में संचार लाइनों और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया गया।

मई में BLA ने ऑपरेशन हीरोफ 2.0 के तहत 51 से अधिक स्थानों पर 71 समन्वित हमले किए। उन्होंने सैन्य काफिलों, खुफिया केंद्रों और खनिज परिवहन वाहनों को निशाना बनाया।

सोशल मीडिया पर हो रहे दावों के अनुसार, बलूच विद्रोहियों के लगातार हमलों और बढ़ते दबाव से पाकिस्तानी सेना का मनोबल टूट रहा है। हालांकि, इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है।

पाकिस्तानी सेना ने इन हमलों के जवाब में कई क्षेत्रों में तलाशी अभियान शुरू किए हैं, लेकिन सूचना ब्लैकआउट के कारण सटीक जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है।

सोशल मीडिया पर रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान ट्रेंड कर रहा है। कई यूजर्स बलूच विद्रोहियों की कार्रवाइयों की सराहना कर रहे हैं और इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़े संकट के रूप में देख रहे हैं। कुछ पोस्ट में दावा किया गया है कि बलूचिस्तान के कई जिले अब पाकिस्तानी नियंत्रण से बाहर हो चुके हैं।

पाकिस्तानी सेना और सरकार ने इन हमलों को भारत समर्थित आतंकवाद करार दिया है, लेकिन इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं दिए गए हैं। सेना के प्रवक्ता ने कहा कि विद्रोहियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विश्लेषकों का मानना ​​है कि बलूचिस्तान में बढ़ती हिंसा और विद्रोहियों की रणनीतिक सफलताएं पाकिस्तान के लिए एक गंभीर चुनौती बन रही हैं। प्रांत की रणनीतिक स्थिति, खासकर CPEC प्रोजेक्ट्स और ग्वादर बंदरगाह के कारण, इसे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व देती है।

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