पुणे पुल हादसा: जिंदा बहे लोग - जंग, भीड़ या लापरवाही?
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पुणे जिले में इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पुल रविवार को ढह गया। इस दुःखद घटना में कम से कम छह लोगों की जान चली गई है। आशंका है कि कुछ लोग अभी भी लापता हैं। अब तक चार शव बरामद किए गए हैं और कई लोग घायल हुए हैं।

लापता लोगों की तलाश के लिए विशेष टीमें लगातार अभियान चला रही हैं। बचाव दल ने अब तक 39 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।

यह हादसा पुणे के मावल तालुका स्थित कुंदमाला में हुआ। इंद्रायणी नदी पर बने पुल के अचानक ढहने से बड़ी संख्या में लोग उफनती नदी में गिर गए और बह गए। घटनास्थल से मिली तस्वीरों में पुल के हिस्से टूटकर नदी में गिरे हुए दिखाई दे रहे हैं।

विभिन्न एजेंसियां लापता लोगों का पता लगाने में जुटी हैं। बचाव अभियान में ढही हुई संरचना के कुछ हिस्सों को हटाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

यह हादसा दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ, जब पुल पर लगभग 100 लोग मौजूद थे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि पुल काफी पुराना था और उसमें जंग लग चुकी थी। उन्होंने कहा कि शुरुआती जानकारी के अनुसार पुल की हालत खराब थी और उस पर जरूरत से ज्यादा भीड़ थी।

हालांकि उस समय बारिश नहीं हो रही थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों की भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया था। यह पुल केवल पैदल चलने वालों के लिए था, और वहां एक बोर्ड भी लगा था जिसमें बाइक लाने की मनाही थी। फिर भी, लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया।

आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि पुल पर इतनी भीड़ थी कि वह इसका वजन सहन नहीं कर पाया। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है।

बचाव कार्य के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया जा रहा है, और घायलों का इलाज तीन अस्पतालों में चल रहा है।

इस इलाके में मानसून के दौरान भारी भीड़ होती है, लेकिन वहां पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं थी। अब इस बात की जांच हो रही है कि इतने बड़े हादसे को रोकने के लिए पहले से क्या कदम उठाए जा सकते थे। क्या प्रशासन ने चेतावनियों को नजरअंदाज किया? या फिर लोगों की लापरवाही ने हादसे को न्योता दिया? इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही मिलेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर दुख जताया है। महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में पांच-पांच लाख रुपए का ऐलान किया है।

कुंदमाला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जहां मानसून के दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। रविवार होने के कारण पर्यटकों की संख्या अधिक थी।

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