राजस्थान पुलिस अब उर्दू और फारसी शब्दों से परहेज करेगी, हिंदी में कामकाज करेगी। यह निर्णय एक दशक से अधिक समय के संघर्ष और जनजागरण का परिणाम है।
राजस्थान सरकार के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने पुलिस बल से उर्दू और फारसी शब्दों को हटाने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव डीजीपी को भेजा गया है और जल्द ही मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
मंत्री जवाहर सिंह ने मीडिया को बताया कि राजस्थान में उर्दू बोलने और समझने वाले केवल 1% हैं। पुलिस भर्ती होने वाले युवा उर्दू सीखने को मजबूर होते हैं, जिससे उनका समय बर्बाद होता है, जिसका प्रभाव कानून व्यवस्था पर पड़ता है।
उन्होंने बताया कि पुलिस को फारसी और उर्दू शब्दों का प्रयोग करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसमें हिंदी शब्दों का अधिक प्रयोग करने का निर्देश है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद यह प्रस्ताव लागू हो जाएगा।
#WATCH | Jaipur | Rajasthan Minister Jawahar Singh Bedham says, I have written a letter to DGP Rajasthan that in the daily working process of police, Urdu and Persian words are used. In Rajasthan, most of the children who are studying and preparing for competitions do not take… pic.twitter.com/1zYccvUqXo
— ANI (@ANI) June 14, 2025
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