पुणे: इंद्रायणी नदी पुल का दर्दनाक हादसा, कैसे हुआ अचानक धराशाही?
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पुणे जिले के मावल तहसील के तलेगांव दाभाडे के पास कुंडमाला क्षेत्र में रविवार को एक दुखद घटना घटी, जहां इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पुल ढह गया। इस हादसे में चार पर्यटकों की जान चली गई।

यह हादसा उस समय हुआ जब पुल पर बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। हालांकि, पुल को कई महीनों से वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन इसे पूरी तरह से बंद नहीं किया गया था। रविवार को साप्ताहिक अवकाश के दिन यहां पर्यटकों की भीड़ जमा हुई थी, जिसके कारण यह दर्दनाक घटना हुई।

पुणे में ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बाद, मावल तहसील में भुशी डैम और लोनावाला जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल 31 अगस्त तक के लिए बंद कर दिए गए थे। इस वजह से आसपास के पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ गई थी।

रविवार को लगभग 100 से 120 लोग इंद्रायणी नदी के बढ़ते जलस्तर का नजारा देखने के लिए इस जगह पर जमा हुए थे। कुछ लोग अपने दोपहिया वाहन लेकर पुल पर चढ़ गए, जिससे पुल पर अचानक भार बढ़ गया और वह टूट गया। यह घटना लोगों की लापरवाही और प्रशासन द्वारा सुरक्षा में चूक के कारण हुई।

स्थानीय लोगों के अनुसार, पुल को तीन महीनों से ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन पर्यटक फिर भी वहां पहुंच रहे थे। लगभग 30 साल पुराने पुल की हालत पहले से ही खराब थी। भारी बारिश के कारण नदी का पानी तेजी से बढ़ा और पानी का बहाव इतना तेज था कि पुल ध्वस्त हो गया।

आशंका है कि इस हादसे में लगभग 25 से 30 लोग नदी की तेज धारा में बह गए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने दावा किया है कि 30 लोगों को बचा लिया गया है, जिनमें से 6 की हालत गंभीर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

इंद्रायणी नदी के किनारे स्थित कुंडमळा में नदी की धाराएं चट्टानों से होती हुई नीचे गिरती हैं और खूबसूरत झरने में परिवर्तित हो जाती हैं। मानसून में यहां का दृश्य बहुत ही मनोरम होता है, क्योंकि झरने अपनी पूरी रफ्तार में होते हैं। इस झरने और आसपास की हरियाली का मनमोहक दृश्य इस लोहे के पुल से खूबसूरत नजर आता है, जिसे देखने के लिए यहां पर्यटक जुटते हैं।

यहां के झरनों की खूबसूरती के अलावा, रंजनखळगे यानी चट्टानों में गोल-गोल प्राकृतिक गड्ढे भी देखने को मिलते हैं। दावा किया जाता है कि ये गड्ढे पानी के कारण बने हैं और ये दिखने में बड़े ही नायाब हैं।

इसके अतिरिक्त, इस जगह पर पर्यटक कुंडाई माता के मंदिर में दर्शन करने के लिए भी पहुंचते हैं। कुंडमला की पहाड़ी पर बड़ी चट्टान पर स्थित यह मंदिर इंद्रायणी नदी के बीच में है। यहां पर पहुंचने के लिए एक छोटा सा पुल है, जहां पर पैदल भी लोग जाते हैं। यह मंदिर स्थानीय लोगों की कुलदेवी हैं।

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