सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का : शनि शिंगणापुर पर गरजे आज़मी, कमिश्नर के आदेश पर उठाए सवाल
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मुंबई: शनि शिंगणापुर देवस्थान ट्रस्ट ने हाल ही में 167 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है, जिनमें से 114 मुस्लिम हैं। यह फैसला हिंदू संगठनों के दबाव के बाद लिया गया, जिन्होंने मंदिर परिसर में मुस्लिम कर्मचारियों की उपस्थिति पर आपत्ति जताई थी और आंदोलन की चेतावनी दी थी।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आज़मी ने शनि शिंगणापुर मंदिर में मुस्लिम कर्मचारियों के निलंबन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, क्या इससे कोई विवाद होगा? हम क्या कर सकते हैं? हमारी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा दीजिए। हम तो बस आपके सामने हाथ जोड़कर कहेंगे कि ऐसा मत करो।

आज़मी ने लाउडस्पीकर हटाने के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि भले ही लाउडस्पीकर हटाने का कोई कानून नहीं है, लेकिन कमिश्नर के आदेश पर पुलिस बिना किसी हिचकिचाहट के कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने हिंदू-मुस्लिम भाईचारे पर जोर देते हुए कहा, हम मस्जिद के बाहर नमाज़ नहीं पढ़ सकते, लेकिन कांवड़िए सड़क जाम करके पानी लेने जाएंगे। हमने आज तक इसका कभी विरोध नहीं किया, क्योंकि हम हिंदू और मुसलमान को भाई-भाई मानते हैं। उन्होंने मुसलमानों के साथ भेदभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब कहा जा रहा है कि मुसलमानों से सामान मत खरीदो, उन्हें नौकरी मत दो, उन्हें प्रॉपर्टी मत दो। यह गलत है।

शनि शिंगणापुर मामले में अपनी बात रखते हुए आज़मी ने कहा, अब शनि शिंगणापुर के पुराने जमाने के कर्मचारियों से तकलीफ को पहले ही निकाल देते, लेकिन अभी संगठन कह रहा है कि मुसलमानों को निकाल दो। ये मनमानी है। उन्होंने सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का कहावत का इस्तेमाल करते हुए मौजूदा स्थिति पर कटाक्ष किया।

आजमी ने कानून पर विश्वास जताते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के जज के सामने यह मुद्दा उठाएंगे और चाहेंगे कि इस मामले में स्वमोटो कार्रवाई हो, क्योंकि यह मतभेद का मामला है।

यह गौरतलब है कि हाल ही में हिंदू संगठनों ने यह सवाल उठाया था कि मुस्लिमों को हिंदू मंदिर परिसर में काम करने की अनुमति क्यों दी गई। उन्होंने यह भी कहा था कि मुस्लिम लोग मांसाहारी होते हैं और मंदिर में प्रवेश करते हैं, जो कि स्वीकार्य नहीं है। मई 2025 में मंदिर परिसर में मरम्मत और निर्माण कार्य के दौरान मुस्लिम कर्मचारी काम करते थे और उनकी संख्या 114 से 300 के बीच थी।

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