बिहार की राजनीति में भूचाल? क्या तेजप्रताप यादव अपनी खोई प्रतिष्ठा वापस पाने और कौरवों का नाश करने के लिए तैयार हैं?
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राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव आजकल काफी सक्रिय दिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनकी लगातार पोस्ट से राजनीतिक गलियारों में हलचल मची हुई है।

हाल ही में, तेज प्रताप यादव ने एक तस्वीर साझा की है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि वे अपनी नई पार्टी का गठन करने का मन बना चुके हैं। तस्वीर में, वे एक कुर्सी पर बैठे हैं और उनके सामने कई लोग बैठे हुए हैं जिनसे वे बातचीत कर रहे हैं।

इस तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा है, सत्य के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति होता सदा विजय। हमें सदैव सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है पर विजय सदा सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति की होती है। राजा हरीश चंद्र ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को दोबारा प्राप्त किया। पांडवों ने सत्य के मार्ग पर चलते हुए कौरवों को युद्ध में हराया था।

तेज प्रताप का कहना है कि वे राजा हरीश चंद्र की तरह सत्य के मार्ग पर चलकर अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस पाएंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा है कि वे पांडवों की तरह सत्य के मार्ग पर चलते हुए कौरवों का नाश करेंगे।

इससे पहले, तेज प्रताप ने लालू-राबड़ी और तेजस्वी को राजद के जयचंद्र से सतर्क रहने की सलाह दी थी। अब, उन्होंने खुद की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस पाने की बात कही है।

तेज प्रताप यादव अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, और इस बार भी वे अपने ट्वीट को लेकर चर्चा में हैं। माना जा रहा है कि वे अपनी पार्टी बनाकर इस बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि तेज प्रताप का यह व्यवहार लालू और तेजस्वी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

गौरतलब है कि, तेज प्रताप यादव और उनके 12 साल पुराने रिश्ते के खुलासे के बाद लालू यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार से निष्कासित कर दिया था। इस निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने ट्वीट कर अपनी माता-पिता की आज्ञा का पालन करने की बात कही थी।

इससे पहले, तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें वे अपने सपने को सच करने की बात कह रहे थे। इस वीडियो में वे एक घर में जाते हुए दिखाई दे रहे थे, जहाँ एक कमरे को ऑफिस की तरह सजाया गया था। उस कमरे में लालू यादव और राबड़ी देवी की बड़ी सी तस्वीर लगी थी। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा था, हमारे सारे सपने सच हो सकते हैं, अगर हममें उन्हें पूरा करने का साहस हो।

अब, तेज प्रताप की इन गतिविधियों से कई सवाल उठ रहे हैं। क्या वे नई पार्टी बना रहे हैं? क्या वे वाकई अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस पाने में सफल होंगे? और क्या उनका यह कदम बिहार की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव लाएगा?

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