ट्रंप को श्रेय लेने की आदत, भारत-पाक संघर्ष विराम पर पूर्व एनएसए का तंज
News Image

वाशिंगटन, डीसी: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मध्यस्थता का श्रेय लेने के दावे पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने तीखा कटाक्ष किया है।

बोल्टन ने कहा कि ट्रंप को हर चीज का श्रेय लेने की आदत है। उन्होंने कहा, यह भारत के लिए व्यक्तिगत नहीं है। यह डोनाल्ड ट्रंप हैं, जो हर चीज का श्रेय लेते हैं।

उन्होंने कहा कि ट्रंप ने संभवतः प्रधानमंत्री मोदी के साथ बातचीत की थी। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी इस बातचीत में शामिल थे। बोल्टन ने कहा कि यह ठीक वैसा ही है जैसे अन्य देश भी यह देखने के लिए कॉल कर रहे हैं कि वे क्या कर सकते हैं। ट्रंप हर किसी के श्रेय लेने से पहले ही कूद पड़ते हैं, जो परेशान करने वाला हो सकता है। लेकिन यह भारत के खिलाफ कुछ नहीं है, यह सिर्फ ट्रंप का ट्रंप होना है।

बोल्टन ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के अंदर उन स्थानों के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का अधिकार था, जहां से आतंकी हमले की योजना बनाई गई थी और उसे अंजाम दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जब कोई देश अपने क्षेत्र में चल रही आतंकवादी गतिविधि को नियंत्रित नहीं कर सकता है तो साफ है कि शायद वह इसमें योगदान दे रहा है।

बोल्टन ने कहा कि भारत की कार्रवाई पूरी तरह से उचित थी, लेकिन इससे सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तानी सरकार को यह समझाने की कोई संभावना है कि यह उनके हित में नहीं है और अगर वे इसे नियंत्रित नहीं करते हैं तो उनके लिए इससे भी बदतर परिणाम हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम पर सहमति बनने से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, सैन्य प्रतिक्रिया 2019 में जो हुआ उससे कहीं ज़्यादा था।

पाकिस्तान को आपूर्ति किए गए चीनी सैन्य विमान पाकिस्तान की प्रतिक्रिया में प्रमुख थे और यह पाकिस्तान के अंदर बढ़ते चीनी प्रभाव को दर्शाता है, जो निश्चित रूप से भारत के लिए खतरा बढ़ाता है।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल बनाए जाने पर बोल्टन ने कहा कि यह संभावित रूप से परेशान करने वाला संकेत है। पाकिस्तान में आंतरिक असंतोष को दबा दिया गया है। इमरान खान जेल में हैं। बोल्टन ने कहा कि यह पाकिस्तान के हित में नहीं है और अमेरिकी सरकार को इस पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शत्रुता का निरंतर स्तर पाकिस्तान के विकास में बाधा डालेगा।

बोल्टन ने चिंता जताई कि यह चीन के लिए इन घटनाक्रमों का लाभ उठाने का एक और अवसर है जो उन्हें पाकिस्तान के अंदर अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है।

पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले टीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र में आतंकी संगठन घोषित कराने के भारत के प्रयास पर बोल्टन ने कहा कि जब भी आप संयुक्त राष्ट्र से किसी को आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दिलवाते हैं, तो यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटनाक्रम होता है। भारत द्वारा ऐसा करने की कोशिश करना उचित है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पाकिस्तान की परमाणु हथियारों से निपटने की क्षमता का जवाब देने पर बोल्टन ने कहा कि परमाणु हथियारों की सुरक्षा संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए दुनिया में कहीं भी बहुत उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के आतंकवादियों या गैर-जिम्मेदार कमांडरों के हाथों में पड़ने का जोखिम परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में अपने स्वयं के निर्णय लेने से बहुत खतरनाक होगा।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

शहीद संतोष को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा कोई कांग्रेसी नेता, गिरिराज सिंह ने कहा - कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए!

Story 1

शिकारी ही हो गया शिकार, पक्षी के बच्चे ने जिंदा चबा डाला खतरनाक सांप

Story 1

खुद को ही ठगने आया ठग! Paytm फाउंडर विजय शेखर शर्मा के साथ WhatsApp स्कैम की कोशिश

Story 1

करारी हार के बाद फील्ड मार्शल? आसिम मुनीर पर सोशल मीडिया में मीम्स की बाढ़

Story 1

इंदौर में मुख्यमंत्री यादव की कैबिनेट बैठक: बड़े ऐलान, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम!

Story 1

बाल-बाल बचे 227 यात्री! श्रीनगर में इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग

Story 1

आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने उतरा भारत, जापान और UAE में गूंजेगी सच्चाई

Story 1

मॉनसून 2025: भीषण गर्मी से राहत, जल्द दस्तक देगा मॉनसून, जानिए आपके राज्य में कब!

Story 1

बस और कार की भीषण टक्कर, 6 की दर्दनाक मौत!

Story 1

आईपीएल 2025: मुंबई इंडियंस की शानदार वापसी, प्लेऑफ में बनाई जगह!