क्यों तोड़ा जा रहा है दिल्ली का फेमस सरोजनी मार्केट? व्यापारियों में मचा हाहाकार
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दिल्ली के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक, सरोजिनी नगर मार्केट में 18 मई को देर रात हुए अतिक्रमण विरोधी अभियान से व्यापारी और दुकानदार गुस्से में हैं। नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने फुटपाथों से लगभग 200 अवैध स्टॉल और दुकानें हटा दीं।

एनडीएमसी का कहना है कि अभियान का उद्देश्य पैदल चलने वालों के लिए रास्ते खोलना और सार्वजनिक जगह को वापस लेना था। नगर निकाय के अनुसार, शामियाना, शेड और अस्थायी स्टॉल जैसे अवैध निर्माण इस क्षेत्र में भीड़भाड़ का कारण बन रहे थे।

सरोजिनी नगर मार्केट अपने किफायती फैशन के लिए जाना जाता है, खासकर छात्रों और मध्यम वर्ग के लोगों के बीच। इसकी लोकप्रियता के कारण यहाँ हमेशा भीड़ रहती है।

हालांकि, इस कार्रवाई की आलोचना हो रही है। व्यापारियों का आरोप है कि वैध दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। सरोजिनी नगर मिनी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि कुछ वैध दुकानों के हिस्से भी तोड़ दिए गए। कई दुकानदारों को बिना नोटिस या दस्तावेज़ दिखाए कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

एक दुकानदार ने कहा कि वैध निर्माण को भी हटा दिया गया और कोई उचित प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।

NDMC ने दावा किया कि पहले चेतावनी दी गई थी, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि कार्रवाई अचानक हुई। दक्षिण-पश्चिम जिले के डीसीपी ने लिखा कि सरोजिनी नगर मार्केट में अतिक्रमण हटाया गया ताकि पैदल यात्रियों की आवाजाही आसान हो सके। NDMC ने भी कहा कि नागरिकों के लिए जगह वापस ली जा रही है।

इस अभियान पर लोगों की राय अलग-अलग है। कुछ लोगों का कहना है कि यह व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी था, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि अधिकारियों ने गलत लोगों को निशाना बनाया। एक यूजर ने लिखा कि असली अतिक्रमण तो मेट्रो स्टेशन के पास है, जहां रोज पैसे का लेन-देन होता है। एक अन्य यूजर ने कहा कि पास में मॉल बनने के बाद से ही सरोजिनी का पतन शुरू हो गया था और स्ट्रीट वेंडर्स को हटाया जाना तय था।

कई लोगों ने इस अभियान का स्वागत किया और करोल बाग, लाजपत नगर जैसे इलाकों में भी ऐसी कार्रवाई की मांग की। एक पोस्ट में लिखा था कि सरोजिनी मध्यम वर्ग के लिए खरीदारी की अच्छी जगह है और उम्मीद है कि विक्रेताओं को बेहतर तरीके से व्यवस्थित किया जाएगा।

सरोजिनी मार्केट शॉपकीपर्स एसोसिएशन ने NDMC की आलोचना करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। एसोसिएशन ने कहा कि DMRC स्टेशन के आसपास फुटपाथ और सड़कों पर कब्जा है और केवल दिखावटी कार्रवाई हो रही है। हालांकि, एसोसिएशन ने यह भी कहा कि मार्केट अभी भी खुला है और खरीदार आ सकते हैं।

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