पाकिस्तान का साथ देना पड़ा भारी: चीन और तुर्की की आर्थिक सेहत बिगड़ी!
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पाकिस्तान जैसे आतंक समर्थक देश का साथ देना अब चीन और तुर्की को महंगा पड़ रहा है। पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिन्दूर और उसके बाद पाकिस्तान की नाकामी के बाद भारत ने आर्थिक मोर्चे पर भी जवाबी कार्रवाई की है।

भारत में काम कर रही तुर्की की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज की सुरक्षा मंज़ूरी रद्द होते ही उसके शेयरों में भारी गिरावट आई है। इसी तरह पाकिस्तान को हथियार देने वाली चीनी कंपनियों की तकनीक भारत के सामने विफल रही, जिससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया और रक्षा क्षेत्र के स्टॉक्स में गिरावट आई है।

ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान भारत ने आतंकवाद पर निर्णायक प्रहार किया, तो तुर्की ने भारत विरोधी रुख दिखाया। लेकिन इसकी कीमत तुर्की को आर्थिक झटके के रूप में चुकानी पड़ रही है।

देशभर में तुर्की की कंपनियों के बहिष्कार की मांग तेज हो गई। नागर विमानन मंत्रालय ने सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द कर दी। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने भी सेलेबी के साथ अपने अनुबंध रद्द कर दिए।

शुक्रवार को ही सेलेबी के शेयरों में 10 प्रतिशत की गिरावट आई और पिछले दो कारोबारी सत्रों में स्टॉक्स लगभग 20 प्रतिशत तक टूट चुके हैं। चार ट्रेडिंग दिनों में कुल 30 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। कंपनी ने कहा है कि वह सरकार के इस निर्णय को पलटने के लिए कानूनी सहारा लेगी।

केवल कॉर्पोरेट क्षेत्र ही नहीं, तुर्की का पर्यटन उद्योग भी भारतीय जनभावनाओं के प्रभाव से अछूता नहीं रहा। अजरबैजान और तुर्की के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, वहीं रद्दीकरण में 250 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। ट्रैवल प्लेटफॉर्म ने इन दोनों डेस्टिनेशनों पर पर्यटकों को हतोत्साहित करने के लिए प्रचार बंद कर दिए हैं।

भारत की सैन्य क्षमताओं और आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली से चीन का डिफेंस सेक्टर हिल गया है। पाकिस्तान की ओर से भारतीय एयरबेस को नुकसान पहुंचाने के दावों के खारिज होने के बाद निवेशकों का भरोसा टूट गया है।

AVIC Chengdu Aircraft Co., जो पाकिस्तान के JF-17 फाइटर जेट्स का निर्माण करता है, उसके शेयरों में सिर्फ तीन ट्रेडिंग सेशनों में 99 प्रतिशत की गिरावट आई है। PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल बनाने वाली Zhuzhou Hongda Electronics Corp के शेयर भी गिरे हैं।

China Aerospace Times Electronics के स्टॉक्स दो दिनों में 7 प्रतिशत लुढ़क गए। Bright Laser Technologies, North Industries Group, China Spacesat और AVIC Aircraft जैसी प्रमुख रक्षा कंपनियों में भी गिरावट देखी गई है।

यह न सिर्फ पाकिस्तान की सैन्य विफलता है, बल्कि चीनी हथियारों की तकनीकी कमजोरी पर भी सवाल खड़े करता है।

दूसरी ओर भारत का डिफेंस सेक्टर इन हालात में ताकत और भरोसे का प्रतीक बनकर उभरा है। ऑपरेशन सोंदूर के दौरान स्वदेशी तकनीक और हथियारों के प्रभावशाली प्रदर्शन से घरेलू रक्षा कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। Nifty India Defence Index ने मात्र तीन दिनों में 10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है।

IdeaForge, GRSE, Cochin Shipyard, और Bharat Dynamics जैसी कंपनियों के शेयरों में एक सप्ताह के भीतर 38 प्रतिशत तक की तेजी आई है। यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की सफलता का सीधा संकेत है।

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