विराट कोहली कम से कम तीन साल और टेस्ट क्रिकेट खेल सकते थे, ऐसा रवि शास्त्री का मानना है. कोहली की रिटायरमेंट से उन्हें हैरानी हुई, हालांकि उन्हें इसकी जानकारी पहले से थी.
विराट के करीबी कोच रहे रवि शास्त्री ने बताया कि रिटायरमेंट लेने से पहले उन्हें कोहली का फोन आया था और दोनों की इस संबंध में काफी लंबी बातचीत हुई थी.
आईसीसी रिव्यू में संजना गणेशन के साथ बातचीत में रवि शास्त्री ने बताया कि उन्होंने कोहली से कुछ सवाल भी पूछे थे.
शास्त्री ने कहा, मैंने कोहली से इस बारे में बात की थी, उनकी घोषणा से एक सप्ताह पहले. उनका माइंड बिल्कुल क्लियर था कि उन्होंने अपना सब कुछ दिया है, कोई पछतावा नहीं था. मैंने एक-दो सवाल पूछे, ये व्यक्तिगत बातचीत थी. उनके मन में कोई संदेह नहीं था, जिसने मुझे ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि हां शायद ये सही समय है. दिमाग ने शरीर को कह दिया है कि अब जाने का समय आ गया है.
शास्त्री को लगता है कि आकर्षक व्यक्तित्व और लगातार सुर्खियों में रहने के कारण कोहली बर्नआउट हुए.
शास्त्री ने आगे कहा, कोहली कुछ करने का फैसला करते हैं तो अपना 100% देते हैं. उनकी बराबरी करना आसान नहीं है, व्यक्तिगत रूप से एक बैट्समैन या बॉलर के रूप में. आमतौर पर आप देखेंगे कि प्लेयर अपना काम करता है और फिर आराम करता है, लेकिन कोहली के साथ ऐसा नहीं है. जब टीम मैदान पर जाती है तो ऐसा लगता है कि उन्हें सभी विकेट लेने हैं, सभी कैच पकड़ने हैं, फील्ड पर सभी फैसले लेने हैं. उनकी भागीदारी बहुत ज्यादा होती है, वह आराम नहीं करते हैं. अगर वह नहीं तय करते कि किस फॉर्मेट में कितना खेलना है, तो कहीं न कहीं थकान होती.
इंडियन टीम के पूर्व कोच ने कहा कि इसके बावजूद कोहली के इस डिसीजन ने उन्हें चौंका दिया.
रवि ने कहा, विराट ने मुझे चौंका दिया, क्योंकि मुझे लगा कि उसके पास कम से कम दो-तीन साल का टेस्ट मैच क्रिकेट बाकी है. लेकिन अगर आप मानसिक रूप से थक जाएं तो आपके शरीर को पता चल जाता है. आप शारीरिक रूप से फील्ड में सबसे फिट हो सकते हैं, आप टीम के आधे से ज्यादा प्लेयर्स से ज्यादा फिट हो सकते हैं, लेकिन मानसिक रूप से आप थक जाएं तो शरीर को पता चल जाता है, आप जानते हैं, बस अब नहीं होगा.
रवि शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट में आए बदलाव का श्रेय भी कोहली को दिया.
उन्होंने कहा, कभी-कभी जब आप खेल छोड़ देते हैं, तो एक या दो महीने बाद अफसोस होता है. काश यह किया होता, काश वो किया होता. लेकिन, कोहली ने सब कुछ किया है. उन्होंने टीम की कप्तानी की है, वर्ल्ड कप जीते हैं. उन्होंने खुद अंडर-19 वर्ल्ड कप (2008) जीता है. उनके लिए हासिल करने के लिए कुछ भी नहीं बचा है.
कोहली के साथ भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में रवि ने सबसे सफल कप्तान-कोच जोड़ी बनाई थी. इस जोड़ी के नेतृत्व में टीम ने विदेशी धरती पर भी शानदार प्रदर्शन किया. विराट भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहे. उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में से 40 में जीत दर्ज की है. टीम ने आईसीसी रैंकिंग चार्ट पर अपना दबदबा बनाया था. साथ ही ऑस्ट्रेलिया में भी ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीती थी. टीम ने वेस्टइंडीज में लगातार सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया था. वहीं, इसी दौर में भारत ने श्रीलंका में सीरीज जीत के 22 साल के सूखे को भी खत्म किया.
The unique bond between Ravi Shastri and Virat Kohli underlined in the moments leading up to the batter s announcement 🤝
— ICC (@ICC) May 16, 2025
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