तुर्की की सेलेबी एविएशन कंपनी: मालिक कौन, भारत में कहां कर रही काम?
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पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। बदले में पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया, जिसमें उसे मुंह की खानी पड़ी। फिर भी तुर्की, अजरबैजान और चीन जैसे देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया।

अब इन देशों का समर्थन उन्हें भारी पड़ रहा है। भारत में तुर्की की कंपनियों का बायकॉट चल रहा है। हाल ही में तुर्की की प्रमुख एविएशन होल्डिंग कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई। यह कंपनी भारत के 9 एयरपोर्ट्स पर काम करती है।

कहा गया कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन की बेटी के भी इस कंपनी में शेयर हैं, जिसे कंपनी ने खारिज किया।

सेलेबी एविएशन की शुरुआत 1958 में सेलेबी ग्राउंड हैंडलिंग के नाम से हुई थी। यह तुर्की की पहली निजी स्वामित्व वाली ग्राउंड हैंडलिंग सेवा कंपनी थी। आज यह कंपनी रैंप, पैसेंजर, कार्गो हैंडलिंग, वेयरहाउस मैनेजमेंट, ब्रिज संचालन, ट्रकिंग, जनरल एविएशन और एयरपोर्ट लाउंज जैसी मैनेजमेंट सर्विसेज देती है। सेलेबी के पास दुनियाभर में 15,000 कर्मचारी हैं और यह 3 महाद्वीपों, 6 देशों और दुनियाभर के 70 स्टेशनों पर काम करती है।

सेलेबी ग्रुप के संस्थापक अली कैविट सेलेबियोग्लू का जन्म 1926 में बालिकेसिर के गोनेन काउंटी में हुआ था। वे मास्टर पायलट ग्रेजुएट थे और वायु सेना में रहे। पैन अमेरिकन एयरवेज में काम करते हुए उन्होंने खुद की कंपनी शुरू की। 1 फरवरी 1958 को अंकारा में सेलेबी हावा सर्विसी की स्थापना हुई। अली कैविट के निधन के बाद अब उनके बेटे कैन सेलेबियोग्लू और बेटी कैनान सेलेबियोग्लू (डिप्टी चेयरवुमन) कारोबार संभालते हैं।

भारत में सेलेबी ने सबसे पहले मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से शुरुआत की थी। अब यह दिल्ली, मुंबई, कोचीन, कन्नूर, बैंगलोर, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद और चेन्नई में काम करती है। भारत में यह कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया के रूप में जानी जाती है। यह ग्राउंड हैंडलिंग और दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया के रूप में कार्गो सर्विसज देती है।

दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद के एयरपोर्ट्स ने सेलेबी के साथ अपने करार खत्म कर लिए हैं, जहां सेलेबी लंबे समय से ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सर्विसेज का मैनेजमेंट देखती थी। अब इन एयरपोर्ट्स पर किसी दूसरी कंपनी को ये जिम्मेदारी दी जाएगी।

कंपनी के अनुसार, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात और पश्चिमी यूरोप के इंटरनेशनल इंवेस्टर्स का स्वामित्व (65%) पर है। जर्सी में पंजीकृत फंड एक्टेरा पार्टनर्स II एलपी के पास सेलेबी हैवासिलिक होल्डिंग एएस में 50% स्वामित्व है। शेष 15% हिस्सेदारी अल्फा एयरपोर्ट सर्विसेज बीवी के पास है, जो एक डच-रजिस्टर्ड यूनिट है।

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