मार्क कार्नी के नेतृत्व वाली नई कनाडाई कैबिनेट में भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. कार्नी, जिन्होंने हाल ही में आम चुनाव में लिबरल पार्टी की जीत के बाद प्रधानमंत्री पद संभाला है, ने अपनी कैबिनेट में महिलाओं को बराबर का प्रतिनिधित्व दिया है.
अनीता आनंद ने मेलानी जोली की जगह ली है, जिन्हें अब उद्योग मंत्री बनाया गया है. आनंद पहले रक्षा मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी हैं. अपनी नियुक्ति पर आनंद ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री कार्नी और अपनी टीम के साथ मिलकर एक सुरक्षित और निष्पक्ष दुनिया बनाने की प्रतिबद्धता जताई.
भारत और कनाडा के बीच संबंध पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में तनावपूर्ण रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री कार्नी ने चुनाव प्रचार के दौरान और बाद में संबंधों को सुधारने की इच्छा व्यक्त की है. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अनीता आनंद को उनकी नियुक्ति पर बधाई दी है.
कार्नी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कनाडा में एक हिंदू मंदिर का दौरा किया था. चुनाव जीतने के दो सप्ताह बाद उन्होंने कैबिनेट में बदलाव किए, जिसमें कुछ पुराने और कई नए चेहरे शामिल हैं. कार्नी ने अपनी नई कैबिनेट को अहम पल में हालात संभालने वाली टीम बताया है. कैबिनेट में 28 मंत्री और 10 राज्यमंत्री हैं, जिनमें 24 नए चेहरे हैं, जिनमें से 13 पहली बार सांसद बने हैं.
अमेरिका और कनाडा के बीच व्यापारिक तनाव के बीच अनीता आनंद की विदेश मंत्री के रूप में भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
अनीता आनंद के माता-पिता 60 के दशक में नाइजीरिया से कनाडा के नोवा स्कोशिया में आकर बस गए थे. वे पेशे से चिकित्सक थे. अनीता ने ऑक्सफ़ोर्ड और क्वींस यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और डलहौज़ी यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली है. उन्होंने टोरंटो यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स भी किया है.
अनीता आनंद ने टोरंटो यूनिवर्सिटी, येल, क्वींस और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में लॉ पढ़ाया है. उन्हें लिबरल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में सबसे महत्वाकांक्षी माना जाता है. 57 वर्षीय अनीता ने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और टोरंटो के बाहर ओकविल से सांसद चुनी गईं.
2019 से 2021 तक वे सार्वजनिक सेवाओं और ख़रीद मामलों की मंत्री रहीं. अनीता आनंद खुद को कनाडा की पहली हिंदू महिला सांसद और पहली हिंदू कैबिनेट मंत्री बताती हैं. सांसद बनने के तुरंत बाद उन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन और पीपीई किट सुरक्षित रखने के मिशन की जिम्मेदारी दी गई.
2021 में उन्हें रक्षा मंत्रालय की कमान सौंपी गई, जहाँ उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध में कनाडा की यूक्रेन को सहायता प्रदान करने की चुनौतियों का नेतृत्व किया. उन्हें कनाडा के सैन्य बलों में यौन दुर्व्यवहार के मामलों से भी निपटना पड़ा.
बाद में उन्हें रक्षा मंत्रालय से हटाकर ट्रेज़री बोर्ड को संभालने के लिए भेज दिया गया. दिसंबर 2024 में मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद उन्हें परिवहन मंत्री और आंतरिक व्यापार मंत्री बनाया गया. प्रधानमंत्री पद से जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अनीता आनंद भी इस पद के लिए संभावित उम्मीदवारों में शामिल थीं.
*I am honoured to be named Canada’s Minister of Foreign Affairs. I look forward to working with Prime Minister Mark Carney and our team to build a safer, fairer world and deliver for Canadians. pic.twitter.com/NpPqyah9k3
— Anita Anand (@AnitaAnandMP) May 13, 2025
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