ऑपरेशन सिंदूर: 100 आतंकी मारे, 9 कैंप तबाह - सेना का बड़ा खुलासा
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भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर बातचीत केवल दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई थी। सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (NSA) या विदेश मंत्रियों के स्तर पर कोई वार्ता नहीं हुई। केवल दोनों देशों के सेना संचालन महानिदेशकों (DGMOs) के बीच सीमित स्तर पर संचार हुआ। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि अब आतंकवाद का जवाब निर्णायक सैन्य कार्रवाई से ही दिया जाएगा।

डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकियों का खात्मा करना था। इस ऑपरेशन में करीब 100 आतंकियों को मार गिराया गया है। उन्होंने कहा कि सेना ने आतंकी हमले का करारा जवाब दिया है और मुदस्सर खार, हाफिज जमील, और यूसुफ अजहर जैसे बड़े आतंकियों को ढेर कर दिया गया है।

ऑपरेशन सिंदूर आतंकी ढांचे को नष्ट करने के उद्देश्य से चलाया गया था। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या एक क्रूर और अमानवीय कृत्य था। इन भयावह दृश्यों और पीड़ित परिवारों के दर्द को देखते हुए, राष्ट्र ने सशस्त्र बलों और आम नागरिकों पर हुए कई आतंकवादी हमलों के बाद एक मजबूत संदेश देने का फैसला किया।

ऑपरेशन सिंदूर की योजना आतंक के अपराधियों और योजनाकारों को दंडित करने और उनके आतंकी ढांचे को नष्ट करने के स्पष्ट सैन्य उद्देश्य के साथ बनाई गई थी। यह भारत के आतंकवाद के प्रति असहिष्णुता का एक और प्रमाण है।

भारत-पाकिस्तान तनाव पर तीनों सेनाओं (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) के मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरल (DGMO) ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, भारतीय वायु सेना के महानिदेशक वायु अभियान (DG Air Ops) एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती और भारतीय नौसेना के महानिदेशक नौसेना अभियान (DGNO) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद शामिल थे।

इससे पहले आज सुबह प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) में रक्षा मंत्री, तीनों सैन्य प्रमुख, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) की मीटिंग हुई थी। इसके बाद सुबह 11 बजे होने वाली रक्षा मंत्रालय की प्रेस ब्रिफिंग टल गई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को शाम 5 बजे संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी। दोनों देशों ने स्थिति और बेहतर करने के लिए 12 मई को DGMO स्तर पर बातचीत करने का निर्णय लिया था।

10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष को लेकर विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की 4 बार प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी। विदेश मंत्रालय ने सुबह 10.45 बजे कॉन्फ्रेंस में 9 मई की रात पाकिस्तानी हमले की जानकारी दी थी। इसके बाद शाम 5 बजे भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति की जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दी। इसके कुछ देर बाद कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत द्वारा दिए गए जवाबी हमले की जानकारी दी। फिर रात 10:55 बजे विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिस्री ने पाकिस्तान द्वारा किए गए सीजफायर उल्लंघन को लेकर ब्रीफिंग की।

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