पीएम मोदी का फैसला: क्या पाकिस्तान प्यासा मरने की कगार पर? सैटेलाइट तस्वीरें बयां कर रहीं हकीकत
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty - IWT) को स्थगित करने का निर्णय सबसे अहम है, और इसके परिणाम दिखने लगे हैं।

सोशल मीडिया पर चिनाब नदी की सैटेलाइट तस्वीरें वायरल हो रही हैं। ये तस्वीरें IWT स्थगित करने से पहले और बाद की स्थिति को दर्शाती हैं। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान में चिनाब नदी सूख गई है।

अगर ये दावे सच हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा IWT स्थगित करने के कुछ ही दिनों में पाकिस्तान पानी की कमी से जूझता नजर आ रहा है। चिनाब, सिंधु नदी तंत्र की उन तीन नदियों में से एक है जिसका पानी सिंधु जल समझौते के तहत पाकिस्तान को मिलता था। बाकी दो नदियां सिंधु और झेलम हैं।

उपग्रह से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि चिनाब नदी, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सियालकोट के आसपास सूख रही है।

एक तस्वीर 26 अप्रैल, 2025 की है। इसी दिन भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने के अपने फैसले की सूचना दी थी। दूसरी तस्वीर 29 अप्रैल की है, जिसमें नदी में पानी की भारी कमी साफ दिख रही है।

भारत ने पाकिस्तान को लिखे पत्र में कहा है कि पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार से जारी आतंकवाद, सिंधु जल संधि के तहत भारत के अधिकारों में बाधा डालता है। जल संसाधन सचिव, देबाश्री मुखर्जी ने कहा कि किसी भी संधि का सद्भावपूर्वक सम्मान करना संधि के लिए मौलिक है।

भारत ने पाकिस्तान पर अनुच्छेद XII(3) के तहत आवश्यक संशोधनों पर बातचीत करने से इनकार करके संधि का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। पत्र में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान ने संधि के तहत बातचीत करने के भारत के अनुरोध का जवाब देने से इनकार कर दिया है, जो कि संधि का उल्लंघन है। जिसके बाद, भारत सरकार ने सिंधु जल संधि, 1960 को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखने का फैसला किया।

सिंधु जल संधि, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी। विश्व बैंक ने इसमें मध्यस्थता की थी। इसका उद्देश्य सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे और इस्तेमाल को नियंत्रित करना था। सिंधु नदी प्रणाली में मुख्य नदी सिंधु और उसकी सहायक नदियां शामिल हैं। रावी, ब्यास, सतलुज, झेलम और चिनाब इसकी बायीं तट की सहायक नदियां हैं। रावी, ब्यास और सतलुज को सामूहिक रूप से पूर्वी नदियां कहा जाता है। सिंधु, झेलम और चिनाब को पश्चिमी नदियां कहा जाता है। इस नदी प्रणाली का पानी भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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