भारत ने अपनी नौसेना को मजबूत करने के लिए फ्रांस के साथ 63,000 करोड़ रुपये की मेगा डील की है। इसके तहत भारत को 26 राफेल मरीन फाइटर जेट्स मिलेंगे। ये विमान भारत की समुद्री ताकत बढ़ाएंगे और पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के लिए सख्त संदेश होंगे।
यह फ्रांस के साथ भारत की सबसे बड़ी हथियार डील है। राफेल मरीन विमान INS विक्रांत जैसे विमानवाहक पोत पर तैनात होंगे, जिससे भारत को समुद्र में नई ताकत मिलेगी।
राफेल मरीन की लंबाई 50.1 फीट और चौड़ाई 10.80 मीटर है। इसका वजन 15 हजार किलो तक हो सकता है और इसमें 11,202 किलो फ्यूल भरा जा सकता है। यह 52 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है और इसकी रफ्तार 2205 किमी प्रति घंटा है।
इसकी रेंज 3700 किमी है। इसमें 30 एमएम की ऑटो कैनन गन और 14 हार्ड प्वाइंट्स हैं, जहां हथियार लगाए जा सकते हैं। यह एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है।
राफेल मरीन में स्काल्प मिसाइल (300 किमी रेंज), मेटियोर मिसाइल (हवा में 120-150 किमी रेंज) और एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल (70 किमी रेंज) लगाई जा सकती हैं। यह परमाणु हथियार दागने में भी सक्षम है।
भारतीय नौसेना के पास INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत जैसे दो विमानवाहक पोत हैं, जिन पर पुराने मिग-29के फाइटर जेट्स तैनात हैं। मिग-29के में रखरखाव की समस्या और कम उपलब्धता है। राफेल मरीन इस कमी को पूरा करेगा।
राफेल मरीन में मिग-29के से कहीं ज्यादा एडवांस रडार, सेंसर और हथियार हैं। भारत पहले से ही वायुसेना के लिए 36 राफेल जेट्स इस्तेमाल कर रहा है, जिससे रखरखाव और ट्रेनिंग में आसानी होगी।
भारत की समुद्री सीमाओं पर पाकिस्तान और चीन का खतरा बढ़ रहा है, इसलिए राफेल मरीन जैसे मॉडर्न जेट्स की जरूरत थी।
2022 में नौसेना ने गोवा में राफेल मरीन और अमेरिका के F/A-18 सुपर हॉर्नेट का ट्रायल किया था। राफेल मरीन ने बाजी मारी, जिसके बाद भारत ने इसे चुना।
राफेल मरीन की तैनाती से INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य पर भारत समुद्र में अपनी पकड़ मजबूत करेगा। ये विमान समुद्र, जमीन और हवा में हमला करने में सक्षम हैं।
राफेल मरीन के एडवांस रडार और हथियार दुश्मन की पनडुब्बियों, जहाजों और विमानों को आसानी से निशाना बना सकते हैं। 3700 किमी की रेंज और हवा में रीफ्यूलिंग की सुविधा से ये विमान लंबे मिशन पर जा सकते हैं।
परमाणु हथियार दागने की क्षमता इसे एक रणनीतिक हथियार बनाती है।
राफेल मरीन पाकिस्तान के F-16 से कहीं ज्यादा एडवांस है। इसकी मेटियोर मिसाइल 120-150 किमी दूर तक दुश्मन के विमानों को मार सकती है।
चीन का J-20 विमान भी राफेल मरीन की रडार टेक्नोलॉजी और हथियारों के सामने कमजोर पड़ सकता है। राफेल की लंबी रेंज और सटीक हमले की क्षमता इसे बेहतर बनाती है।
भारत और फ्रांस के बीच नई दिल्ली में 26 राफेल मरीन विमानों की डील साइन हो गई है। डील के तहत भारत, फ्रांस से 22 सिंगल सीटर विमान और 4 डबल सीटर विमान खरीदेगा।
इन फाइटर जेट्स की खरीद को 23 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में मंजूरी मिली थी।
राफेल मरीन डील भारत के लिए एक गेम-चेंजर है। ये न सिर्फ नौसेना को मॉडर्न बनाएगा, बल्कि समुद्र में भारत की ताकत को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
2028 से शुरू होने वाली इसकी डिलीवरी 2031 तक पूरी हो जाएगी।
#WATCH | Delhi | The Intergovernmental agreement was exchanged between the two sides in the presence of Defence Secretary RK Singh and Navy Vice Chief Vice Admiral K Swaminathan.
— ANI (@ANI) April 28, 2025
(Source: Indian Navy) https://t.co/6Z4UhJ4ypY pic.twitter.com/R3Z0o9RAuA
ऋषभ पंत का प्रदर्शन: क्या लखनऊ की कप्तानी उन्हें रास नहीं आ रही?
वायरल वीडियो: मजबूरी या पागलपन! झोले में बच्चे को लटकाकर बाइक चलाता बाप, हरकत देख लोग हैरान
बीमार पत्नी, दरिंदा बाप: बेटी से किया दुष्कर्म, मौलवी ने कबूला गुनाह!
भारत खुद अपने लोगों को मरवाता है... शाहिद अफरीदी का शर्मनाक बयान
करीम जनत का गुजरात टाइटन्स में डेब्यू, बने IPL खेलने वाले 10वें अफगानी खिलाड़ी
टू नेशन थ्योरी को हमने पानी में फेंका : पाकिस्तान पर भड़के फारूक अब्दुल्ला, केंद्र सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग
बिहार में अचानक बदला मौसम: हाई अलर्ट जारी, 4 मई तक भारी बारिश की चेतावनी!
संबल योजना: सीएम मोहन यादव 30 अप्रैल को श्रमिकों के खातों में जारी करेंगे 600 करोड़ रुपये!
52 हजार फीट से परमाणु हमला! राफेल मरीन से थर्राएगा पाकिस्तान
मैं ज्यादा नहीं सोचता, सिर्फ खेलता हूं : IPL में ऐतिहासिक शतक के बाद 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का बड़ा ऐलान!