संबल योजना: सीएम मोहन यादव 30 अप्रैल को श्रमिकों के खातों में जारी करेंगे 600 करोड़ रुपये!
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अक्षय तृतीया के अवसर पर श्रमिक परिवारों के लिए एक बड़ी घोषणा करने जा रहे हैं।

30 अप्रैल, बुधवार को, मुख्यमंत्री धार जिले के उमरबन में संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के 27,523 मामलों में सिंगल क्लिक के माध्यम से 600 करोड़ रुपये वितरित करेंगे।

प्रदेश सरकार ने योजना की शुरुआत से लेकर अब तक 1 करोड़ 75 लाख श्रमिकों को संबल योजना में पंजीकृत किया है, और पंजीकरण प्रक्रिया अभी भी जारी है।

वर्ष 2018 से अब तक, संबल योजना के अंतर्गत कुल 6 लाख 81 हजार से अधिक मामलों में 6 हजार 432 करोड़ रुपये से अधिक के लाभ वितरित किए जा चुके हैं।

इससे पहले, मार्च में, सीएम यादव ने संबल योजना में अनुग्रह सहायता के 23,162 मामलों में श्रमिक परिवारों के खातों में 505 करोड़ रुपये जारी किए थे।

दिसंबर 2024 में, संबल योजना के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के 10,236 मामलों में श्रमिकों के परिवारों को 225 करोड़ रुपये की सहायता राशि भेजी गई थी।

राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2018 से मार्च 2025 तक 1 करोड़ 74 लाख श्रमिकों को संबल योजना के अंतर्गत पंजीकृत किया है।

मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना प्रदेश में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत, श्रमिक को जन्म से लेकर मृत्यु तक आर्थिक सहायता मिलती है।

प्रदेश सरकार निर्माण श्रमिकों के लिए भी निर्माण मंडल के माध्यम से कई योजनाएँ चलाती है, जिनमें श्रमिकों की मृत्यु होने पर अनुग्रह सहायता और स्थायी एवं आंशिक अपंगता पर सहायता शामिल है।

सभी संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत निरामयम योजना के अंतर्गत पात्र श्रेणी में चिन्हित किया गया है, जिससे वे 5 लाख रुपये वार्षिक निःशुल्क चिकित्सा प्राप्त कर रहे हैं।

संबल योजना में, महिला श्रमिक को प्रसूति सहायता के रूप में 16 हजार रुपये दिए जाते हैं, जबकि श्रमिकों के बच्चों को महाविद्यालय शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा में शिक्षा हेतु सम्पूर्ण शिक्षण शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।

अनुग्रह सहायता योजना के अंतर्गत, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये और सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये प्रदान किए जाते हैं। स्थायी अपंगता पर 2 लाख रुपये और आंशिक स्थायी अपंगता पर 1 लाख रुपये, और अंत्येष्टि सहायता के रूप में 5 हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं।

नीति आयोग की पहल पर, प्रदेश के गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को भी संबल योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है और उनका पंजीकरण शुरू किया गया है। उन्हें भी संबल योजना के अंतर्गत सभी लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।

संबल हितग्राहियों को खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी प्राप्त होती है, जिससे वे केंद्र और राज्य सरकार द्वारा रियायती दरों पर राशन प्राप्त कर रहे हैं।

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