पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं. जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.
खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकी करीब 20 से 22 घंटे तक घने जंगलों में चले और फिर बैसरन घाटी पहुंचे. उनका मकसद हिंदुओं पर घातक हमला करना था. सुरक्षा बल आतंकियों की तलाश में तेजी से अभियान चला रहे हैं और कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
देशभर में लोग पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इस हमले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने आधिकारिक तौर पर जांच शुरू कर दी है.
हमले के दौरान आतंकियों ने दो मोबाइल फोन छीन लिए थे - एक पर्यटक का और दूसरा स्थानीय निवासी का. हमले में कुल चार आतंकी शामिल थे, जिनमें तीन पाकिस्तानी और एक स्थानीय था. स्थानीय आतंकवादी की पहचान आदिल थोकर के रूप में हुई है.
फोरेंसिक विश्लेषण से पता चला है कि आतंकियों ने आधुनिक एके-47 और एम4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया था. घटनास्थल से बरामद कारतूस इस बात के अहम सबूत हैं.
जांच में एक महत्वपूर्ण खुलासा यह हुआ है कि एक स्थानीय फोटोग्राफर ने पूरे हमले का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया था. वह अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ा था. यह वीडियो जांच के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे हमले की सटीक टाइमलाइन समझने और आतंकियों की पहचान करने में मदद मिलेगी.
एक और अहम चश्मदीद भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल हैं, जो अपने परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे थे. उन्होंने एजेंसी को महत्वपूर्ण जानकारी और सुराग दिए हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो आतंकी दुकानों के पीछे छिपे थे. अचानक वे बाहर आए और पर्यटकों से कलमा पढ़ने को कहा. इसके बाद, उन्होंने चार लोगों को सीधे सिर में गोली मार दी, जिससे उनकी तुरंत ही मौत हो गई. इस घटना से भगदड़ मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे. आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें सिर और दिल को निशाना बनाया गया.
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पहली पुलिस कॉल लगभग 2:30 बजे की गई थी. यह कॉल नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की पत्नी हिमांशी नारवाल ने की थी, जिन्होंने बताया कि उनके पति को बेहद नजदीक से गोली मारी गई है. घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले शख्स पहलगाम के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) थे, लेकिन तब तक आतंकी मौके से फरार हो चुके थे.
स्थानीय आतंकी आदिल ठोकर, जो अनंतनाग का रहने वाला है, पहले हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ और फिर 2018 में वैध दस्तावेजों पर पाकिस्तान चला गया. वहां उसने लश्कर-ए-तैयबा से ट्रेनिंग ली. 2024 में वह कश्मीर घाटी लौटा और तब से पाकिस्तानी आतंकियों को सहायता प्रदान कर रहा था. आदिल ने आतंकियों को दुर्गम क्षेत्रों में गाइड के रूप में काम किया और सक्रिय रूप से मदद की.
जांच एजेंसी हर छोटी से छोटी जानकारी जुटाने में लगी है, ताकि आतंकियों तक पहुंचा जा सके. आतंकवादियों को मार गिराने में अहम सूचना देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है.
*NIA Takes Over Pahalgam Terror Attack Case on MHA’s Orders pic.twitter.com/w5oUOrECa1
— NIA India (@NIA_India) April 27, 2025
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