भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव हमेशा से, रास्ता निकाल लेंगे: ट्रंप
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त कदम से पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ रही है. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर प्रतिक्रिया दी है.

ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों के बीच हमेशा से तनाव रहा है. उन्होंने भरोसा जताया कि दोनों देश इसे किसी न किसी तरह से सुलझा लेंगे.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में ट्रंप ने इस हमले को बुरा बताया. एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच तनाव लंबे समय से चल रहा है.

कश्मीर में हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि वे भारत और पाकिस्तान के बहुत करीब हैं, और कश्मीर में वे एक हजार साल से लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि कश्मीर एक हजार साल से चल रहा है, शायद उससे भी ज़्यादा समय से, और यह एक बुरा हमला था.

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर चिंतित हैं, तो ट्रंप ने कहा कि उस बॉर्डर पर 1,500 सालों से तनाव है. लेकिन उन्हें यकीन है कि वे इसे किसी न किसी तरह से सुलझा लेंगे. उन्होंने कहा कि वो दोनों देशों के नेताओं को जानते हैं, और पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव है, लेकिन ये हमेशा से रहा है.

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन घास के मैदान में पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.

आतंकवादी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने कई कूटनीतिक उपायों की घोषणा की, जैसे अटारी में चेक पोस्ट (आईसीपी) को बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को निलंबित करना, उन्हें अपने देश लौटने के लिए 40 घंटे देना और दोनों पक्षों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या कम करना.

भारत ने पहलगाम हमले के मद्देनजर 1960 की सिंधु जल संधि को भी रोक दिया.

भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल की बातचीत के बाद 1960 में विश्व बैंक की सहायता से सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे. बातचीत की पहल विश्व बैंक के पूर्व अध्यक्ष यूजीन ब्लैक ने की थी.

इसे सबसे सफल अंतरराष्ट्रीय संधियों में से एक माना जाता है. इसने संघर्ष सहित लगातार तनावों को सहन किया है. इसने आधी सदी से भी अधिक समय से सिंचाई और जलविद्युत विकास के लिए एक ढांचा प्रदान किया है.

संधि पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) को पाकिस्तान और पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास, सतलुज) को भारत को आवंटित करती है. साथ ही, संधि हर देश को दूसरे को आवंटित नदियों के कुछ निश्चित उपयोग की अनुमति देती है. संधि सिंधु नदी से 20 प्रतिशत पानी भारत को आवंटित करती है, शेष 80 प्रतिशत पाकिस्तान को.

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