कश्मीरी बाद में, पहले हम हिंदुस्तानी : पहलगाम हमले पर कश्मीर में आक्रोश, मस्जिदों से उठी आवाज़!
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पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर गम और गुस्से में डूबा हुआ है.

मंगलवार को हुए इस कायराना हमले के बाद स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकाला और घाटी में आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. उन्होंने हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.

बुधवार को पूरे कश्मीर में आतंक के विरोध में बंद का आह्वान किया गया. स्कूल, कॉलेज, दुकानें सब बंद रहीं, यहां तक कि सार्वजनिक परिवहन भी ठप रहा.

धर्मगुरुओं से लेकर राजनेताओं तक, हर किसी ने इस आतंकी घटना को कायराना हरकत बताया और कहा कि इसे घाटी में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

कश्मीर की मस्जिदों से भी ऐलान किया गया कि यह हमला बुजदिलाना है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, एक मस्जिद के लाउडस्पीकर से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि पहलगाम में पर्यटकों पर हमला काबिले-मजम्मत है और दुनिया भर से कश्मीर घूमने आने वाले लोगों पर इस तरह का हमला बुज़दिलाना हरकत है.

पहलगाम हमले के विरोध में स्थानीय लोग सड़कों पर भी उतरे, जिनमें बड़ी संख्या में युवाओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए और यह दृढ़ता से कहा, पहले हम हिंदुस्तानी हैं, बाद में कश्मीरी. कैंडल मार्च निकालने वाले इन युवाओं ने इसे कायराना हरकत बताया और पूरे पहलगाम की तरफ से इसकी निंदा की.

जम्मू में भी भाजपा समेत कई हिंदुत्ववादी संगठनों ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन आयोजित किए.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी हमले के विरोध में हिस्सा लिया. उन्हें एक प्रदर्शन मार्च में यह हम सब पर हमला है का पोस्टर लिए हुए देखा गया.

आवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता खुर्शीद अहमद शेख ने कहा कि यह हमला कश्मीरियत और मेहमाननवाजी पर हमला है. उन्होंने विभिन्न संगठनों द्वारा बंद के आह्वान का समर्थन किया और इसे सुरक्षा में चूक का मामला बताया.

कश्मीर के कई प्रमुख समाचार पत्रों ने भी हमले पर विरोध जताते हुए अपने फ्रंट पेज काले रंग से छापे.

द ग्रेटर कश्मीर के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद गुरुवार को कश्मीर में बंद का पूरा असर दिखा. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में बंद का एलान किया गया था. श्रीनगर में अधिकांश दुकानें, फ्यूल स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. शहर भर में केवल जरूरी चीजों की दुकानें ही खुली रहीं. कश्मीर घाटी में सार्वजनिक परिवहन भी कम रहा, लेकिन निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे थे.

कश्मीर विश्वविद्यालय ने बुधवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया. सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अपनी पार्टी ने भी पहलगाम हमले के विरोध में बंद का समर्थन किया.

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की मुताहिदा मजलिस उलेमा (एमएमयू) ने भी जम्मू-कश्मीर के लोगों से इसे लेकर अपील की थी.

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