पहलगाम हमला: तुम राम-राम की गूंज चाहते हो, हमें चुनौती मंजूर - आतंकी मूसा
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पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया है। सूत्रों के अनुसार इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें से एक को छोड़कर सभी हिंदू थे।

बताया जा रहा है कि आतंकियों ने हत्या करने से पहले लोगों से उनका धर्म पूछा। जिन्होंने धर्म नहीं बताया, उनके कपड़े उतरवाकर जांच की गई, और गैर-मुस्लिम पाए जाने पर उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद, आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की जिसमें कई लोग घायल हो गए।

पाकिस्तान के रावलकोट से हमले का संबंध माना जा रहा है। खुफिया जानकारी के अनुसार, 19 अप्रैल को रावलकोट में लश्कर-ए-तैयबा और जम्मू-कश्मीर यूनाइटेड मूवमेंट के आतंकवादियों की एक बैठक हुई थी। इस बैठक में लश्कर कमांडर अबू मूसा ने भारत के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए और कहा कि जिहाद जारी रहेगा, कश्मीर में फिर से बंदूकें चलेंगी, और लोगों के सिर कलम किए जाएंगे।

आबू मूसा पाकिस्तान के रावलकोट का रहने वाला है। उसने खाई गाला में एक रैली की थी, जिसे पाकिस्तानी अधिकारियों से समर्थन मिला था। इस रैली में, मूसा ने भारत विरोधी हिंसा को भड़काने वाले भाषण दिए, जिससे घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है। गर्मी के मौसम में कुपवाड़ा, पुंछ और राजौरी के रास्तों से घुसपैठ करना आसान हो जाता है, जिससे चिंताएं और बढ़ गई हैं।

मूसा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे भारतीय खुफिया एजेंसियों ने प्रमाणित किया है। वीडियो में मूसा दावा करता है कि भारत ने कश्मीर की जनसांख्यिकी बदलने के लिए अनुच्छेद 370 और 35A को हटाया। उसने कहा कि भारत अपनी सेना तैनात करके राम-राम की गूंज करना चाहता था, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा उनकी चुनौती स्वीकार करता है। मूसा ने धमकी दी कि वे गोलियां बरसाएंगे, गर्दनें काटेंगे, और अपने शहीदों के बलिदान का सम्मान करेंगे।

लश्कर-ए-तैयबा ने मूसा के वीडियो के माध्यम से कश्मीर में भारत की कार्रवाइयों को सीधी चुनौती दी है। उन्होंने खुले तौर पर माना है कि वे भारत सरकार की नीतियों का हिंसक तरीकों से विरोध करेंगे। मूसा के शब्दों में आतंकी हमलों की साजिश और मंशा झलकती है, जिससे क्षेत्र में शांति भंग होने की आशंका है।

हमले के जवाब में, भारतीय सेना ने पहलगाम में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, और इलाके को सील कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, अब तक दो आतंकियों को मार गिराया गया है।

केंद्र सरकार ने घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। जम्मू में कानून-व्यवस्था की स्थिति का आकलन करने के लिए एक और उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई।

बताया जा रहा है कि हमला करने वाले आतंकियों ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी ताकि वे संदेह से बच सकें। उन्होंने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, उनसे नाम पूछे और फिर उन्हें गोली मार दी। हमले का उद्देश्य घाटी में डर फैलाना और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाना था।

रावलकोट में यह बैठक 17 मार्च 2025 को कुपवाड़ा में मारे गए आतंकी आकिफ हलीम की याद में आयोजित की गई थी। अबू मूसा के नेतृत्व में घाटी में कई आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले को अंजाम देने से पहले आतंकियों ने कई टोही मिशन चलाए थे।

वर्तमान में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और अधिकारी क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल करने के लिए प्रयासरत हैं। चल रहे अभियानों का उद्देश्य आगे के हमलों को रोकना और निवासियों और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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