असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर मुस्लिम पहचान और अधिकारों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब तक वक्फ (संशोधन) अधिनियम वापस नहीं लिया जाता, तब तक वे इसके खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष ओवैसी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) द्वारा आयोजित एक जनसभा में यह बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कानून का विरोध उसी तरह किया जाएगा जिस तरह अब निरस्त किए जा चुके कृषि कानूनों का विरोध किया गया था।
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा, आपको इस कानून को वापस लेना होगा। हमारे किसान भाइयों ने रास्ता दिखाया है, हम उसी तरह आंदोलन करते रहेंगे। जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता, देश में तब तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
उन्होंने जनसभा में उपस्थित लोगों से पूछा, क्या आप एक लंबी लोकतांत्रिक लड़ाई के लिए तैयार हैं? यदि आप तैयार हैं तो खुद से वादा करें कि जब तक यह काला कानून वापस नहीं लिया जाता, हम तब तक विरोध करते रहेंगे और पीछे नहीं हटेंगे।
ओवैसी ने तीन तलाक कानून, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) और भाजपा शासित राज्यों में धर्मांतरण कानूनों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले 11 साल से मुसलमानों की धार्मिक पहचान पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा, अब वह (मोदी) समान नागरिक संहिता के नाम पर हमसे हमारी शरीयत छीनना चाहते हैं।
एआईएमआईएम नेता ने यह भी दावा किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक से दाऊदी बोहरा समुदाय को बाहर रखना मुसलमानों को बांटने और कमजोर करने की कोशिश है।
ओवैसी ने उच्चतम न्यायालय पर एक भाजपा नेता की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा, जब अयोध्या और अन्य मामलों में फैसले मुसलमानों के खिलाफ जाते हैं तो हम नाराज नहीं होते... यहां तक कि जब फैसला हमारी इच्छा के खिलाफ जाता है तब भी हम इसे स्वीकार करते हैं। हम इसलिए इसे स्वीकार करते हैं क्योंकि हम संवैधानिक नैतिकता में विश्वास करते हैं, लेकिन संघ परिवार के ये लोग संविधान विरोधी हैं...
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान को कमजोर कर रही है और धार्मिक युद्ध की धमकी दे रही है। उन्होंने कहा, मोदी जी, कौन कट्टरपंथी हो गया? आप सत्ता में हैं। आपके लोग कट्टरपंथी हो गए हैं। वे इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि वे अदालत को धमकी दे रहे हैं कि धार्मिक युद्ध होगा।
इस अवसर पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता एवं सांसद एम.एम. अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उनसे यह संदेश देने को कहा है कि पार्टी न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे देश के अल्पसंख्यकों के साथ एकजुटता से खड़ी है।
एआईएमपीएलबी के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी सहित कई अन्य नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।
एआईएमपीएलबी ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ नामक अभियान शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत विरोध प्रदर्शन, गोलमेज चर्चाओं, महिलाओं की सभाओं, मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शनों, धरना प्रदर्शनों और जनसभाओं सहित कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है। एआईएमपीएलबी ने कहा कि एक जून को हैदराबाद में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
*#WATCH | Hyderabad, Telangana: On BJP MP Nishikant Dubey s statement on the Supreme Court, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, ...You people (BJP) are tubelights...threatening court in such a way...do you know what is (Article) 142 (of Constitution)?, it was formed by BR… pic.twitter.com/C593tmBx49
— ANI (@ANI) April 19, 2025
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