मुर्शिदाबाद से आ रहे वीडियो दर्शाते हैं कि दंगाइयों को किसी का भय नहीं है. एक वीडियो में, एक दंगाई कह रहा है, दीदी (ममता बनर्जी) हमारी दया पर हैं, हम दीदी की दया पर नहीं हैं. एक अन्य वीडियो में एक लड़की धमकी भरे लहजे में कहती है, हम केवल शहीद होने की बात नहीं कर रहे, जरूरत हुई तो मारने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
हजारों हिंदुओं ने मुर्शिदाबाद में अपना सब कुछ छोड़कर शरण ली है. खबरें बताती हैं कि हजारों हिंदू मालदा और झारखंड में शरण लिए हुए हैं, जहां वे अपनी जान बचाने की कहानी बता रहे हैं. वे अपने ही देश में शरणार्थी बनने को मजबूर हैं.
मुर्शिदाबाद एक उदाहरण है कि किसी भी दिन देश के किसी भी हिस्से में हिंसक भीड़ का शिकार हो सकते हैं. दुकानें, मॉल लूटे जा सकते हैं, घरों में घुसकर कुछ भी किया जा सकता है. बंगाल में जो हो रहा है, उससे लगता है कि राजनीति में ही खोट है. दंगाइयों को बचाने के लिए ऐसे तर्क दिए जा रहे हैं जो समझ से परे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि ये दंगे बीजेपी करा रही है. लेकिन वोट के लिए किया जा रहा तुष्टिकरण उनके लिए खतरनाक हो सकता है.
दिल्ली में भी दंगे हुए, जब अमेरिका के राष्ट्रपति आए थे. दिल्ली में कानून व्यवस्था चौकस होने के बावजूद दंगाइयों को डर नहीं था. उत्तर पूर्व दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया गया, जिसमें 53 लोग मारे गए.
भीड़ किसी की नहीं होती. जो उसे शह देते हैं, आगे चलकर भीड़ उसकी भी नहीं सुनती. इसलिए डरना जरूरी है, ताकि समस्या का हल सोचा जा सके.
अगर टीएमसी कहती है कि यह सब बीजेपी करा रही है, तो उन्हें मानना होगा कि छद्म धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वाले कमजोर पड़ चुके हैं. गोधरा के दंगों या मणिपुर की हिंसा पर तो सब रोते हैं, लेकिन मुर्शिदाबाद के दंगों पर क्यों नहीं? आज सारे बुद्धिजीवी और अवॉर्ड वापसी गैंग कहां हैं?
अपने घर बार गंवाकर शरणार्थी बनने को मजबूर हुए लोगों के लिए सहानुभूति के आंसू कौन देगा? क्या उनके आंसू पोंछने केवल बीजेपी ही आएगी? इसी से तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल बीजेपी को जनता के बीच पैठ बनाने का मौका देते हैं.
वक्फ कानून पर लोगों को कौन भड़का रहा है? सीएए बिल ने कितने मुसलमानों की नागरिकता छीनी थी? वक्फ बिल में कहां लिखा है कि मुस्लिम धर्म या धार्मिक स्थान को नुकसान पहुंचेगा?
अगर देश में बड़े दंगे होते हैं तो इसकी जिम्मेदार टीएमसी, समाजवादी पार्टी और आरजेडी जैसी पार्टियां ही होंगी. कांग्रेस में बड़ा नेतृत्व तो इस मुद्दे पर चुप है. प्यादों के भरोसे वक्फ बिल का विरोध करवाया जा रहा है. वक्फ के नाम पर देश में आग लगती है तो इसकी जिम्मेदार गैर कांग्रेसी विपक्ष ही होगा.
भारत की जनता समझती है कि सीएए के नाम पर उसे बरगलाया गया था और अब वक्फ बिल के नाम पर बहकाया जा रहा है. ऐसे दंगे देश में बंदूक रखने के अधिकारों की मांग उठा सकते हैं. अमेरिका में लूटपाट और हिंसक भीड़ से बचने के लिए लोगों ने आर्म्स रखने की राइट हासिल की है. भारत में भी पैसे वाले और मध्य वर्ग इस तरह के अधिकारों की मांग करेंगे.
अगर सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर पाती है तो उसे आत्मरक्षा के लिए देश के हर नागरिक को हथियार रखने की आजादी देनी होगी, जो कि देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण दिन होगा.
तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों को आगे बढ़कर मुस्लिम समुदाय को समझाना चाहिए कि वक्फ बिल में ऐसा कुछ नहीं है जो उनके धर्म और धार्मिक स्थलों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार देता है. वोट की राजनीति से ऊपर उठकर मुसलमानों की भलाई के बारे में भी सोचना चाहिए.
*Seedhi Baat No Bakwas.
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) April 12, 2025
Appeasement Clear Hai.
Didi is at our mercy, we are not at Didi s mercy.
Mamata Banerjee is riding a tiger, which will devour her if she doesn t toe the line of the radicals.
She is not an Administrator at the helm of affairs, she has turned herself… pic.twitter.com/iBVzD4mnZF
शादी से मुकरने पर बॉयफ्रेंड की हड्डी-पसली एक कर दी, दबंग गर्लफ्रेंड का कारनामा!
अपने गिरेबां में झांके पाकिस्तान : विदेश मंत्रालय ने वक्फ कानून पर की टिप्पणी को नकारा
वायरल वीडियो: पिता का दोस्त बनकर मांग रहा था पैसा, लड़की की चतुराई देख स्कैमर भी बोला- मान गए बेटा!
पहली मुलाकात में प्रीति जिंटा का सवाल, प्रियांश के जवाब पर शरमाईं डिंपल गर्ल !
IPL 2025: सनराइजर्स हैदराबाद के होटल में लगी भीषण आग, अफरा-तफरी का माहौल
नोएडा: मेड ने पानी में पेशाब मिलाकर लगाया पोछा, CCTV में कैद हुई हरकत
इस साल जमकर बरसेगा मानसून, IMD का पूर्वानुमान
राहुल गांधी का मिशन गुजरात : 2 घंटे की बैठक में बना मास्टरप्लान
चीन की ज़बरदस्त चाल: अमेरिका की रणनीति हुई फेल, दुनिया में मची खलबली!
सास-दामाद के भागने का CCTV आया सामने, कासगंज रेलवे स्टेशन पर दिखा राहुल