मुर्शिदाबाद हिंसा: क्या बता रहे हैं लोग, कैसे हैं हालात?
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मुर्शिदाबाद के धुलियान और आसपास के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. हिंसा के कारण घर छोड़कर गए लोग अब वापस लौट रहे हैं.

पिछले दिनों वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान यहां हिंसा भड़क गई थी, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई. जिले में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भारी तैनाती है.

धुलियान में कई जगहों पर हिंसा के निशान दिखाई देते हैं: टूटे घर, दुकानें और जली गाड़ियां. हालांकि, मुख्य सड़कों से जली गाड़ियां हटा दी गई हैं, लेकिन जलने के निशान अभी भी मौजूद हैं. घरों की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं और दुकानों के शटर क्षतिग्रस्त हैं. पुलिस की गाड़ियां लगातार गश्त कर रही हैं और बीएसएफ के जवान तैनात हैं.

सूर्यदीप सरकार, एक स्थानीय निवासी, बताते हैं कि प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए थे. उन्होंने बताया कि हिंसा से बचने के लिए कुछ मुस्लिम छात्राएं उनके दरवाजे पर दौड़ी चली आईं, रो रही थीं. उन्होंने उन लड़कियों को बचाया. सरकार ने कहा कि हमलावरों ने उनके घर के बाहरी हिस्से को तहस-नहस कर दिया.

सुकांत भट्टाचार्य ने बताया कि शुक्रवार को एक बड़ा जुलूस निकला था. जब वह जुलूस वापस लौटा, तो तोड़फोड़ शुरू हो गई. भट्टाचार्य के घर में भी तोड़फोड़ हुई. उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई. स्थानीय लोगों का आरोप है कि हिंसा के दौरान लूटपाट की भी कोशिश की गई.

पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लॉ एंड ऑर्डर) जावेद शमीम ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अब तक 11 एफआईआर दर्ज की गई हैं. पीड़ितों और चश्मदीदों के बयान के आधार पर कई और लोगों को पकड़ा गया है और पूछताछ की जा रही है. जिले में एहतियातन इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद हैं.

राज्य के पुलिस प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि मालदा से भड़काऊ खबरें फैलाई जा रही हैं, इसलिए मुर्शिदाबाद से सटे अन्य जिलों के कुछ इलाकों में भी इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं. उनका कहना है कि हिंसा के जिम्मेदार लोगों को ढूंढकर पकड़ा जाएगा और सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की अतिरिक्त कंपनियां भी यहां पहुंच गई हैं.

मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में एजाज़ अहमद (17), हरगोविंद दास (65) और चंदन दास (35) की मौत हो गई थी. कई लोग घायल भी हुए हैं.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने अधिकारियों को हालात काबू में करने के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया था. केंद्रीय गृह सचिव ने पश्चिम बंगाल के शीर्ष अधिकारियों से बात की और हर संभव मदद का भरोसा दिया था.

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, मुर्शिदाबाद में 66 फीसदी से अधिक आबादी मुसलमानों की है. हाल के लगभग सभी चुनावों में तृणमूल कांग्रेस ने यहां की लगभग हर सीट जीती है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन कानून केंद्र सरकार ने बनाया है और उन्हीं से इसका जवाब मांगा जाना चाहिए.

भाजपा नेता दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि मुर्शिदाबाद जिले को पश्चिम बंगाल से अलग करने की साजिश चल रही है. उन्होंने कहा कि हिंदू बहुल इलाकों में हिंसा की जा रही है, लेकिन राज्य के डीजीपी कह रहे हैं कि कुछ भी नहीं हुआ है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शुभांकर सरकार ने बंगाल की जनता से भाईचारा और शांति बनाए रखने की अपील की है. टीएमसी सांसद खलीलुर रहमान ने हिंसा पर अफसोस जताया है. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह नहीं होना चाहिए था.

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