बंगाल भाजपा का विवादित ट्वीट X से हटा, इस्लामी हिंसा के पैटर्न पर था पोस्ट
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मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर बंगाल भाजपा का एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट हटा दिया गया है। एक्स ने इसे कानूनी मांग के चलते हटाने की बात कही है।

माना जा रहा है कि यह कार्रवाई ममता बनर्जी की बंगाल सरकार के अनुरोध पर की गई है। भाजपा का यह पोस्ट हाल ही में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की घटनाओं के संदर्भ में था।

पोस्ट में आरोप लगाया गया था कि पिछले कुछ सालों से इस्लामी कट्टरपंथी लगातार हिन्दू त्योहारों को निशाना बना रहे हैं। भाजपा ने पोस्ट में कई जगहों पर हुई हिंसा की तस्वीरें एक साथ शामिल की थीं।

भाजपा ने एक बंगाली कहावत का इस्तेमाल करते हुए यह भी लिखा था कि ममता बनर्जी के वोटबैंक को हिंसा करने का बस एक बहाना चाहिए। इस पोस्ट में मुस्लिमों को ममता बनर्जी के लिए दुधारू गाय जैसा बताया गया था।

एक्स पर अब यह पोस्ट दिखाई नहीं दे रही है। एक्स ने कहा है कि कानूनी मांग के जवाब में भारत में इसे ब्लॉक कर दिया गया है।

इससे पहले, पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस पोस्ट का फैक्ट चेक किया था। पुलिस ने पोस्ट में शामिल तस्वीरों को अलग-अलग त्योहारों की बताया था। यह दावा किया गया कि कुछ तस्वीरें बंगाल से संबंधित नहीं थीं और कुछ अन्य राज्यों में हुई हिंसा की थीं। कुछ तस्वीरें 2019 में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों की भी थीं।

टीएमसी नेता और कार्यकर्ता भी इसी तरह की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं और भाजपा के पोस्ट को फर्जी बता रहे हैं।

पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाजपा द्वारा पोस्ट की गई बंगाली कहावत को भी हटा दिया था, जिसमें मुस्लिमों को ममता बनर्जी की गाय (वोटबैंक) बताया गया था।

दरअसल, भाजपा ने ममता बनर्जी के उस पुराने बयान के जवाब में यह पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुस्लिमों के हर कार्यक्रम में भाग लेंगी और दूध देने वाली गाय लात मारती ही है । यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस ने उस टेक्स्ट मैसेज को हटाने पर इतना ध्यान क्यों दिया।

एक्स किसी न्यायालय या सरकारी आदेश के बाद ही कोई पोस्ट हटाता है। एक्स उस पोस्ट को उस देश में प्रसारित होने से रोक देता है, जहां से इसकी मांग की गई है। एक्स झूठी जानकारियाँ फैलाने वाली या हिंसा को बढ़ावा देने वाली पोस्ट को भी हटाता है। संभावना जताई जा रही है कि बंगाल सरकार ने भाजपा के पोस्ट को हटाने के लिए एक्स को एक आधिकारिक पत्र भेजा होगा।

यह ध्यान देने योग्य है कि 2019 में भी मुर्शिदाबाद में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी। इस्लामी भीड़ ने कई ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर हमला किया था, जिससे भारतीय रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ था। बंगाल में हिंदुओं के खिलाफ होने वाली हिंसा एक बड़ी समस्या है, और ममता बनर्जी पर बिगड़ती कानून व्यवस्था का अप्रत्यक्ष रूप से जश्न मनाने का आरोप लगाया गया है।

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