वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर मुस्लिम संगठनों की दिल्ली में रविवार को एक बड़ी बैठक हुई। मौलाना महमूद मदनी की अध्यक्षता में जमीयत की वर्किंग कमेटी की यह बैठक महत्वपूर्ण थी।
बैठक के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वक्फ संशोधन अधिनियम को देश, समाज और मुसलमानों के लिए सही न बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई।
मदनी ने संघर्ष जारी रहने की बात कही और कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर लड़ना पड़ा, तो लड़ेंगे और धैर्य रखना पड़ा, तो वह भी करेंगे। कब्र भी है न्याय के इंतजार में , उन्होंने कहा, यह दिखाते हुए कि पूरा समुदाय न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है। उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अपील की।
प्रेस वार्ता के दौरान मदनी ने आरोप लगाया कि यह कानून मुस्लिम समुदाय और समाज के हितों के खिलाफ है। उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के विरोध का समर्थन करते हुए सभी संगठनों से अपनी ताकत दिखाने की अपील की।
मुर्शीदाबाद में हुई हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल पर महमूद मदनी भड़क उठे। उन्होंने कहा कि यह सवाल गृह मंत्री अमित शाह से पूछा जाना चाहिए कि मुर्शिदाबाद क्यों जल रहा है और क्या इसके लिए भी मुसलमानों को दोषी ठहराया जाएगा?
मदनी ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर कहा कि यह वक्फ का मुद्दा नहीं, बल्कि राजनीति है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के नाम पर, कभी उन्हें गाली देकर या कभी उनका हमदर्द बनकर इस अधिनियम को दुर्भावना से लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी और उनके समर्थक यह संदेश दे रहे हैं कि पुराने वक्फ कानून से वक्फ बोर्ड जो चाहे कर सकता था। मदनी ने कहा कि पहले भी वक्फ नियम से बने थे, जिनमें मुस्लिम सोसाइटी का कोई रोल नहीं होता था।
मदनी ने कहा कि 2009 तक जो पार्टी मुसलमानों की जमीन पर कब्जे की बात करती थी, अब वही उन्हें कब्जा करने वाला बता रही है।
मदनी ने कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, जबकि नया वक्फ अधिनियम बिल्डरों को फायदा पहुंचाने वाला है।
उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्गों ने देश की आजादी की जंग लड़ी और देश में रहने का विकल्प चुना, कुर्बानी दी। उन्होंने कहा कि देश के संस्थापकों के कमिटमेंट को आज रौंदा जा रहा है।
मदनी ने कहा कि गरीब, दबे-कुचले लोगों के हक के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी, यह खत्म नहीं होगी।
#WATCH | Delhi: On Waqf Amendment Act, Jamiat Ulema-e-Hind Chief Mahmood Madani says, This is not an issue of Waqf but politics. In the name of Muslims, sometimes by abusing Muslims or by being the sympathisers of Muslims, this act (was implemented) with malicious intent...this… pic.twitter.com/AO5UfMpaaI
— ANI (@ANI) April 13, 2025
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