प्रताप सिंह खाचरियावास कौन हैं? जिनके यहां ED की रेड, 49000 करोड़ के घोटाले से जुड़ा मामला
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राजस्थान की राजनीति में फिर एक बार हलचल मची है। जयपुर के सिविल लाइन्स इलाके में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह छापा मारा। ईडी के अधिकारी अभी भी घर के अंदर हैं और दस्तावेजों की छानबीन कर रहे हैं।

शुरुआती जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी एक बड़े चिट फंड घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। इस घोटाले में करीब 49000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का अनुमान है। सूत्रों के अनुसार, पहले भी इस मामले में खाचरियावास की भूमिका को लेकर जांच एजेंसी ने सवाल उठाए थे और उन्हें समन भी भेजा था।

ईडी की रेड की खबर फैलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में खाचरियावास के घर के बाहर जमा हो गए। पुलिस भी स्थिति पर नजर रखे हुए है।

खाचरियावास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ईडी अपना काम कर रही है और मैं पूरा सहयोग करूंगा। लेकिन भाजपा को ईडी जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर नहीं करना चाहिए। मुझे डर नहीं है, और मुझे पहले कोई नोटिस नहीं मिला था।

इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है। कांग्रेस नेताओं ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच आगे किस दिशा में बढ़ती है।

प्रताप सिंह खाचरियावास राजस्थान के एक प्रमुख कांग्रेस नेता हैं।

वह 16 मई 1969 को जोधपुर में पैदा हुए थे। उनका गांव खाचरियावास, दांतारामगढ़ तहसील, सीकर जिले में स्थित है। वह राजपूत (कछवाहा वंश) से हैं। उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.ए., एम.ए. (राजनीति विज्ञान) और एल.एल.बी. की पढ़ाई की है।

खाचरियावास ने 1992-93 में राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने 1993, 1998 और 2003 में बनीपार्क सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। 2008 में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और सिविल लाइंस सीट से विधायक चुने गए, जिसमें उन्होंने भाजपा के अशोक लाहोटी को हराया। 2013 में उन्हें भाजपा के अरुण चतुर्वेदी से हार का सामना करना पड़ा। 2018 में वह फिर से सिविल लाइंस से विधायक बने और कैबिनेट मंत्री नियुक्त हुए। 2023 में उन्हें भाजपा के गोपाल शर्मा ने 28,329 वोटों से हराया।

2018 से 2023 तक अशोक गहलोत सरकार में, उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। इससे पहले, उन्होंने परिवहन मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी संभाली है।

खाचरियावास को कांग्रेस पार्टी का एक मुखर नेता माना जाता है। वह अक्सर भाजपा की नीतियों की आलोचना करते हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज हैं और कछवाहा वंश से संबंधित हैं।

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