लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर एक अलग अंदाज में दिखे। उन्होंने नीले रंग का दुपट्टा गले में डाला और लाल टोपी पहनी।
अखिलेश ने अंबेडकरवाद पर विस्तार से बात की, जिसके बाद कांग्रेस और मायावती की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर शुभकामनाएं दीं और सामाजिक न्याय की स्थापना का संकल्प लेने का आह्वान किया।
आइए हम सब मिलकर सामाजिक न्याय का राज स्थापित करने के लिए अपने स्वाभिमान और स्वाभिमान की भावना को मजबूत करें और एकजुट होकर बाबा साहब की देन और विरासत संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए पीडीए आंदोलन को नई ताकत दें, अखिलेश ने लिखा। उन्होंने कहा कि संविधान जीवनदाता है और संविधान ढाल है ।
अखिलेश ने स्वाभिमान के अंतर्गत समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक मानदंडों और मूल्यों के साथ स्वयं की एकता के मूल्य को समझने की बात कही। उन्होंने पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) एकता की परिवर्तनकारी शक्ति पर भी जोर दिया।
अखिलेश ने कहा कि पीडीए समाज के लोग स्वाभिमान से ही उत्पीड़न, अत्याचार और पीड़ा से मुक्त हो सकेंगे और दमनकारी, अत्याचारी, दबंग और वर्चस्ववादी शक्तियों को संवैधानिक जवाब दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण को बचाएगी और स्वर्णिम भविष्य का निर्माण करेगी।
उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। अखिलेश यादव, अपने एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण से आगे बढ़कर अब पीडीए की एकता की वकालत कर रहे हैं। उन्हें एहसास है कि सत्ता हासिल करने के लिए केवल एमवाई समीकरण पर्याप्त नहीं है।
अखिलेश ने कहा कि न्याय के राज को स्थापित करने के लिए सामाजिक न्याय के राज की आवश्यकता है। उन्होंने दलितों को साथ लेकर चलने की बात कही। इसीलिए उन्होंने नीला दुपट्टा पहना और अंबेडकरवाद पर चर्चा की, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि वह बाबा साहब के सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को पीडीए के कल्याण के लिए लागू करना चाहते हैं।
अखिलेश ने सामाजिक न्याय स्थापित करने के लिए तीन शर्तों का उल्लेख किया: सभी को एकजुट होकर संविधान का सम्मान करना होगा, सामाजिक सुधार के लिए काम करना होगा, और पीडीए समाज को कानूनी सुरक्षा प्रदान करनी होगी।
अखिलेश के इस कदम से मायावती की बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, बीजेपी और आसपा मुखिया चंद्रशेखर आजाद की चिंता बढ़ना तय माना जा रहा है, क्योंकि सभी पार्टियों की निगाहें उत्तर प्रदेश के दलित वोटबैंक पर टिकी हैं।
*‘सामाजिक न्याय के राज’ की स्थापना का संकल्प:
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 14, 2025
14 अप्रैल 2025
अब समय आ गया है कि हम कहें कि ‘न्याय के राज’ को सच में स्थापित करने के लिए आज ‘सामाजिक न्याय के राज’ की आवश्यकता है।
बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी ने भारतीय संविधान की रचना की और हर शोषित, दलित और वंचित के अधिकारों… pic.twitter.com/nVVPNomhP4
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