हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों से दहशत, जानिए कैसे बचाएं किसी की जान!
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हृदय रोगों का खतरा दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है, और यह मौत का एक प्रमुख कारण बन गया है। कोविड के बाद सामने आए आंकड़ों में हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और हार्ट फेलियर के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है।

पहले हार्ट अटैक को बढ़ती उम्र की समस्या माना जाता था, लेकिन अब युवा आबादी, यहां तक कि 20 साल से कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं, और इनमें मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है।

हाल ही में मध्य प्रदेश में एक 18 साल के युवक और महाराष्ट्र में 20 वर्षीय छात्रा की स्पीच देते-देते हार्ट अटैक से मौत हो गई। हैदराबाद में क्रिकेट खेलते समय भी एक छात्र की जान चली गई। इन घटनाओं ने लोगों को डरा दिया है और सवाल उठ रहा है कि क्या फिटनेस का ध्यान रखने वाले लोग भी हार्ट अटैक से सुरक्षित नहीं हैं?

क्रिकेट खेलते समय हार्ट अटैक

हैदराबाद के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में शुक्रवार को एक छात्र क्रिकेट खेलते समय अचानक गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। इस घटना ने फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या फिटनेस का ध्यान रखने वाले लोग भी हार्ट अटैक से सुरक्षित नहीं हैं?

डॉक्टरों की राय

गाजियाबाद के एक अस्पताल के डॉ. बृजपाल त्यागी का कहना है कि हार्ट अटैक के ज्यादातर मामलों में आसपास के लोगों द्वारा किए गए त्वरित प्रयासों से जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि क्रिकेट खेलते हुए हार्ट अटैक आने पर लड़के को सीधा खड़ा कर दिया गया था, जिससे ऑक्सीजन बाधित हो सकती थी। अगर सीपीआर दिया जाता, तो उसकी जान बचने की संभावना बढ़ जाती।

हार्ट अटैक होने पर क्या करें?

डॉ. त्यागी के अनुसार, हार्ट अटैक के ज्यादातर मरीजों को समय पर सीपीआर देने से जान बचाई जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले रोगी के कपड़े और बेल्ट ढीले कर दें। सीपीआर देते समय एक मिनट में कम से कम 100-120 बार पंप करें। हमेशा सीधे हाथ से सीपीआर दें, कोहनी मुड़नी नहीं चाहिए। त्वरित उपचार के रूप में रोगी को एक डिस्प्रिन की गोली मुंह में रखें। मरीज की सांस और नाड़ी को चेक करते रहें और बार-बार सीपीआर देते रहें, जब तक कि उसे तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल में न पहुंचाया जाए।

हार्ट अटैक होने पर क्या न करें?

अगर किसी को दिल का दौरा पड़ता है, तो तुरंत त्वरित उपचार और सीपीआर दें। घबराएं नहीं और चौकस रहें। व्यक्ति को अकेला न छोड़ें। तुरंत एंबुलेंस बुलाएं और रोगी को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाएं। लक्षणों को नजरअंदाज न करें या फिर लक्षणों के खुद से ठीक होने का इंतजार न करें।

हार्ट अटैक से बचने के उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सभी उम्र के लोगों को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

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